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ब्राजील की लेनी रांची में दे रही रोजगार

रांची ब्राजील में जन्मी और पली बढ़ी वाउजी लेनी पॉल ने रांची को अपना कर्म क्षेत्र बनाया है। यहां की महिलाओं और ड्रॉपआउट लड़कियों को डिजाइनिंग और टेलरिंग का गुर सिखा कर उन्हें आर्थिक रूप से स्वावलंबी बनाने में जुड़ी हैं। डेढ़ साल की अपनी समर्पित सेवा से तीन महिलाओं और पांच युवतियों को इस हुनर में पारंगत कर चुकी हैं। कैसे आया प्रशिक्षण का ख्याल: सुदूर क्षेत्रों...

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तमिलनाडु की कपड़ा फैक्ट्रियों में दलित लड़की का एक दिन...- (नई रिपोर्ट)

सभी लड़कियों की उम्र 11-14 साल के बीच, ज्यादतर का जन्म दलित परिवार में , जीविका के लिए जमीन नहीं, सो मां-बाप दिहाड़ी मजदूर, सर पर कर्ज का बोझ, इसलिए पढ़ाई से ज्यादा शादी और उससे भी ज्यादा दहेज की चिन्ता। और, इस सबके बीच कपड़ा तैयार करने वाली फैक्ट्रियों में खास लड़कियों की नियुक्ति की एक आकर्षक-योजना सुमंगली स्कीम। स्कीम का वादा--  अच्छा वेतन, रहने-ठहरने का पुरसुकून इंतजाम और...

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ओडिशा में पॉस्को परियोजना के लिए जमीन का अधिग्रहण स्थगित

भुवनेश्वर। ओडिशा सरकार ने स्थानीय लोगों के विरोध को देखते हुए मंगलवार को राज्य के जगतसिंहपुर जिले में 12 अरब डॉलर की पॉस्को परियोजना के लिए भूमि अधिग्रहण का काम स्थगित कर दिया है। जिलाधिकार एस. के. चौधरी ने आईएएनएस से कहा, "सरकार से निर्देश मिलने के बाद हमने इसे अनिश्चितकाल के लिए रोक दिया है। हम इस मामले में अगले निर्देश का इंतजार करेंगे।" उन्होंने कहा कि पहले अधिग्रहित की जा...

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सीएसई का बारहवां मीडिया फैलोशिप- आवेदन की अंतिम तिथि बढ़ायी गई

    सेंटर फॉर साईंस एंड एन्वायर्न्मेंट (सीएसई) की पापिया समजदार से प्राप्त सूचना के अनुसार सीएसई के बारहवें मीडिया फैलोशिप- वाटरबॉडीज इन इंडिया: पब्लिक स्पेस, प्राइवेट डिजायन-  में आवेदन करने की अंतिम तिथि बढाकर 31 मई,2011 कर दी गई है। इस सिलसिले में किसी भी स्पष्टीकरण के लिए कृपया निम्नलिखित नंबर पर फोन या फैक्स करें-  फोन: 011-29955124, 29955125, फैक्स: 011-29955879' 9811906977 ईमेल:   उद्योग-धंधे, शहरीकरण, बढ़ती आबादी, आधे-अधूरे कानून-- जमीन ही नहीं जलाशयों पर भी इन सबका...

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राजस्थान में आदिवासी अधिकारों की अनदेखी

सामाजिक अधिकारिता के कानूनों के होने भर से किसी समुदाय के सशक्तीकरण की गारंटी होती तो राजस्थान का आदिवासी समुदाय ना तो शिक्षा के बुनियादी अधिकार से वंचित रहता और ना ही अपनी जीविका के जरुरी साधन जमीन से। मिसाल के लिए इन तथ्यों पर गौर करें।राजस्थान की कुल आबादी में आदिवासी समुदाय की तादाद १२.४४ फीसदी है और साक्षरता-दर है ४४.७ फीसदी जबकि सूबे की औसत साक्षरता दर इससे कहीं ज्यादा ऊंची(६१.०३ फीसदी) है। क्या शिक्षा...

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