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पूर्ण साक्षरता का सपना -- रिजवान निजामुद्दीन अंसारी

कई देशों ने बीसवीं सदी में ही संपूर्ण साक्षरता के लक्ष्य को पा लिया और अपने समाज में शिक्षा के औसत स्तर को भी ऊपर उठाया। लेकिन भारत अब भी पूर्ण साक्षर नहीं हो सका है। एक तरफ हम ज्ञान आधारित समाज और डिजिटल इंडिया की बात करते हैं, लेकिन इस कड़वी सच्चाई को नजरअंदाज कर जाते हैं कि साक्षरता और शिक्षा के लिहाज से हमारे समाज की तस्वीर कैसी...

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सामाजिक काम के वित्तीय मापदंड-- वीरेन्द्र कुमार पैन्यूली

सीएसआर फंड यानी कॉरपोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी फंड यानी कॉरपोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व कोष पर पहुंच बढ़ाना फंड खोजते गैर-सरकारी संगठनों की रणनीति का आज एक प्रमुख हिस्सा है। इन्ही संदर्भों में स्थितियां यहां तक पहुंच गई हैं कि कतिपय गैर-सरकारी संगठन अपनी वेबसाइटों में अपनी विशिष्टता यही बताते हैं कि वे कॉरपोरेट घरानों के लिए सीएसआर के काम करने व करवाने में पारंगत है, और इसके लिए उनसे संपर्क किया जाए।...

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पंचायती राज से विकास लक्ष्य को हासिल करने के लिए-- नरेन्द्र सिंह तोमर

पंचायती राज व्यवस्था स्थानीय स्वशासन का एक विशिष्ट स्वरूप है। हमारे यहां पंच-परमेश्वर की अवधारणा रही है और हमारी संस्कृति में इसकी जड़ें काफी गहरी हैं। औपनिवेशिक शासन ने हालांकि इस पर भी प्रतिकूल प्रभाव डाला। लेकिन स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद संविधान (73वां संशोधन) अधिनियम 1992 के लागू होने से ग्रामीण क्षेत्रों में तेजी से सामाजिक-आर्थिक विकास की जमीन तैयार हुई। 24 अप्रैल को यह ऐतिहासिक संविधान संशोधन लागू हुआ...

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मनमानी की दवा और मरीज-- पीयूष द्विवेदी

सरकार अगर जेनेरिक दवाओं के लिए कोई कानून लाती है, तो कुछ ऐसे प्रावधान किए जाने चाहिए। जो भी दवा जेनेरिक हो, उस पर मोटे अक्षरों में जेनेरिक लिखा रहे। डॉक्टर अबूझ लिखावट के बजाय साफ-साफ लिखें जिसे मरीज भी पढ़ सकें। यदि किसी बीमारी की जेनेरिक दवा होते हुए भी डॉक्टर गैर-जेनेरिक दवा लिखते हैं, तो उसका कारण स्पष्ट करें।   राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति के जरिये देश के सभी तबकों के...

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‘माननीयों’ को बस अपनी चिंता-- आशुतोष चतुर्वेदी

सांसदों के वेतन, भत्तों और पेंशन में बढ़ोत्तरी के फैसले और इसके तौर तरीके पर सवाल उठ रहे हैं. देश की सर्वोच्च अदालत ने जब इस पर सवाल उठाया, तो सांसदों को यह नागवार गुजरा और कुछेक सांसदों ने तो न्यायपालिका से दो टूक शब्दों में कहा कि वह अपनी सीमा में रहे. सांसदों की दलील थी कि अपना वेतन-पेंशन बढ़ाने का अधिकार उनके पास है और अदालतें इस विशेषाधिकार...

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