किसी मनुष्य के व्यक्ति होने के लिए सबसे अहम बात है कि उसके देह और मन या आत्मा को दो फांक करके अलग न कर दिया जाये. देह और चित्त की एकाग्रता किसी मनुष्य को उसके अस्तित्व और गरिमा के एहसास के लिए बेहद जरूरी है. एक ऐसे मनुष्य की कल्पना कीजिए, जिसके पास एक मन है, जिसे मारते रहना है और एक देह है, जिसके बारे में हर निर्देश...
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टॉपर घोटाले से जुड़े किंतु-परंतु: एनके सिंह
जो छात्र या छात्रा अपने विषय का उच्चारण भी ठीक से न कर पाए, फिर भी वह बिहार बोर्ड में टॉप कर जाए तो यह शिक्षा में भ्रष्टाचार को संस्थागत दर्जा दिलाने, सिस्टम की असफलता और गवर्नेंस में पैदा हुई सड़ांध की ओर इंगित करता है। इस टॉपर घोटाले में अगर किसी स्कूल के मालिक बच्चा राय के साथ बिहार बोर्ड का अध्यक्ष लालकेश्वर प्रसाद सिंह भी आकंठ डूबा हो, तो...
More »इंडिया एक्सक्लूजन रिपोर्ट--- 'वंचित भारत की एक तस्वीर'
क्या कभी आपने सोचा कि देश के शहरों में झुग्गी बस्तियां कितनी हैं, उनमें रहने वाले कौन हैं और झुग्गी-बस्तियों में इनका रहना जीना कैसा है ?अगर नहीं, तो नीचे लिखे तथ्यों पर गौर कीजिए! देश में तकरीबन साढ़े तैंतीस हजार झुग्गी-बस्तियों होने के अनुमान हैं, महज एक दशक यानी 2001 से 2011 के बीच झुग्गी-बस्तियों में दलित आबादी में 31 फीसद का इजाफा हुआ है. कुछ राज्यों की झुग्गी-बस्तियों की...
More »कैराना मामला : न कारोबार महफूज और न इज्जत
संजीव गुप्ता, पानीपत। उत्तर प्रदेश के कैराना से हिंदुओं के पलायन और उसके पीछे दहशत की कहानी अब परत दर परत सामने आने लगी है। पानीपत में शरण लिए कुछ लोगों की आपबीती इस तरह सामने आई है, जैसे कैराना में कानून-व्यवस्था नहीं, कुछ खास लोगों का राज हो। व्यवसाय चलाने के लिए लाखों की रंगदारी देनी पड़ती है। हिंदू महिलाएं शाम के बाद घर से नहीं निकल सकतीं। ईश्वर चंद...
More »अच्छे देशों की सूची में अभी दूर है भारत की मंजिल
मानवता की बेहतरी में योगदान के लिहाज से जारी अच्छे देशों की ताजा सूची में भारत को 70वें स्थान पर रखा गया है. सूची में 163 देशों को शामिल किया गया है. ऐसे किसी वैश्विक इंडेक्स में हमारे देश की मौजूदा स्थिति निश्चित रूप से निराशाजनक है. देशों की आंतरिक स्थिति के आधार पर पेश की जानेवाली अन्य महत्वपूर्ण रिपोर्टों पर नजर डालें, तो निराशा और बढ़ जाती है. मानव...
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