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शुक्ल जी न होते, तो चंपारण की दुर्दशा नहीं देख पाते महात्मा गांधी

बिहार में महात्मा गांधी के आने की जब भी चर्चा होगी, वहां राजकुमार शुक्ल भी खड़े मिलेंगे. वह न होते तो शायद चंपारण के किसानों की दुर्दशा गांधी के बरास्ते दुनिया नहीं देख पाती. गांधी के सत्याग्रह के प्रयोग का हमसफर रहे राजकुमार शुक्ल का जन्म 23 अगस्त, 1875 को चंपारण जिला के लौरिया थाना के सतवरिया नामक गांव में हुआ था. इनके पिता कोलाहल शुक्ल थे. उन दिनों निलहों...

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ये हैं देश की सूरत बदलने वाली मोदी सरकार की बड़ी योजनाएं

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 26 मई 2014 सत्ता संभालने के साथ ही केंद्र सरकार ने आम भारतीयों की जिंदगी में सुधार के लिए अनेकों फैसले किए। केंद्र सरकार अपनी योजनाओं को आम जन तक पहुंचाने के लिए जहां सोशल मीडिया का सहारा ले रही है। वहीं पार्टी की तरफ से सरकार की कामयाबी को बताने के लिए देशभर में 200 कार्यक्रमों को आयोजित करने का फैसला किया है।...

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वृद्धाश्रम में रह रहे महात्मा गांधी के पोते से PM मोदी ने की बात

नयी दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी पत्नी के साथ वृद्धाश्रम में रह रहे महात्मा गांधी के पौत्र कनुभाई गांधी से आज बात की और संस्कृति मंत्री महेश शर्मा को उनसे मिलने का निर्देश दिया. इसी के अनुसार, शर्मा ने कनुभाई से मुलाकात की और दक्षिण दिल्ली के गौतमपुरी में गुरु विश्राम वृद्ध आश्रम में उनके साथ करीब 45 मिनट बिताए. बातचीत के बाद मोदी ने अधिकारियों को यह...

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गर्मी की छुट्टियों में भी सूखाग्रस्त राज्यों में छात्रों को मिलता रहे मिड-डे मील: SC

देश के सूखा पीड़ित राज्यों में स्कूली छात्रों को अब भूखा नहीं रहना होगा. सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को आदेश जारी कर कहा है कि देश में सूखे की मार झेल रहे इलाकों में स्कूली बच्चों को गर्मी की छुट्टियों के दौरान भी मिड डे मील मुहैया किया जाता रहे. साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को आदेश दिया है कि वह महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण योजना(मनरेगा) का बकाया पैसा जल्द...

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श्रद्धा केंद्र क्यों बने हैं आंबेडकर!- उर्मिलेश

समय और समाज भी कुछ अजीब ढंग से चलते हैं. कुछ चीजें, कुछ लोग और कुछ घटनाक्रम जो हमारी सामूहिक स्मृति से लगभग गायब हो गये होते हैं, वे एक खास कालक्रम में अचानक प्रासंगिक होकर हमारी सामूहिक चेतना का हिस्सा बन जाते हैं. यह सब समाज और समय की अपनी गत्यात्मकता के कारण होता है. आठवें दशक में हिंदी पट्टी के ज्यादातर पुस्तकालयों या बुक स्टोर्स पर डाॅ भीमराव...

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