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जलवायु परिवर्तन को अनुकूल बनाने के लिए स्थानीय पहल अधिक जरूरी क्‍यों?

इंडियास्पेंड, 04 जनवरी झारखंड के लातेहार जिले के नेतरहाट पहाड़ियों में बसे गांव दादीचापर में बिरजिया जनजाति के लगभग 35 परिवार रहते हैं। बिरजिया समुदाय भारत के सबसे दुलर्भ चिन्हित 75 आदिवासी समूहों में से एक है। बादलों से ढकी घुमावदार पहाड़ियों और घने जंगलों से घिरा हुआ यह क्षेत्र काफी मनोरम दिखता है। दादीचापर गांव, लातेहार शहर से 30 किलोमीटर दूर है और इस गांव तक एक पथरीली और घुमावदार सड़क...

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मनरेगा के तहत रोज़गार की मांग में वृद्धि जारी, अगस्त में पिछले साल की तुलना में 25.8 फीसदी का उछाल

 द वायर , 27 सितम्बर महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के तहत 2022-23 में रोजगार की मांग में थोड़ी गिरावट के बाद इसमें एक बार फिर वृद्धि हुई है और अगस्त 2023 में 1.73 करोड़ से अधिक परिवारों ने इस योजना का लाभ उठाया है. इंडियन एक्सप्रेस ने मनरेगा पोर्टल पर उपलब्ध आंकड़ों के हवाले से बताया है कि इस साल अगस्त में इस योजना का लाभ उठाने वाले...

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मॉनसून में कमी के चलते ग्रामीण इलाकों में बढ़ी मनरेगा के तहत काम की मांग

डाउन टू अर्थ, 13 सितम्बर  पिछले तीन महीनों में मॉनसून के दौरान पर्याप्त बारिश न होने के कारण महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में काम की मांग काफी बढ़ गई है। कुछ राज्यों में तो यह मांग महामारी के समय से भी ज्यादा है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के मुताबिक सितंबर के दूसरे सप्ताह तक देश में होने वाली मानसूनी बारिश में 40...

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मनरेगा की तर्ज पर शहरी रोजगार गारंटी योजना कितनी जरूरी?

डाउन टू अर्थ, 23 अगस्त  आज से ठीक एक साल पहले तक सरजू देवी के पास 10 गाय थीं। उनका पूरा परिवार दूध के काम में लगा था, लेकिन सितंबर 2022 लम्पी बीमारी की वजह से उनकी छह गाय मर गईं। वर्तमान में बची हुई चार में से दो गाय ही दूध देती हैं। वहीं, चारा इतना महंगा हो गया कि दूध बेचने के बाद भी गाय को पालना उनके लिए...

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खुले में शौच मुक्त का सरकारी दावा: हकीकत या फसाना

डाउन टू अर्थ, 13 जुलाई  विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) और यूनाइटेड नेशंस चिल्ड्रेन्स फंड (यूनिसेफ) के ताजा आंकड़ों से पता चलता है कि भारत की ग्रामीण आबादी का कम से कम एक-छठा हिस्सा अब भी खुले में शौच करता है और एक-चौथाई के पास स्वच्छता की बुनियादी सुविधाएं तक नहीं है। 2 अक्टूबर 2019 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत को खुले में शौच मुक्त (ओडीएफ) घोषित किया था। महात्मा गांधी की...

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