पिछले 30 वर्षों में भारतीय शहर काफी हद तक बदल चुके हैं और इससे पुलिस के काम-काज का तरीका भी प्रभावित हुआ है. हमारे शहर कैसे बड़े होते चले गये या उनकी जनसंख्या बढ़ती गयी और ज्यादातर लोगों के लिए ये अब रहने योग्य नहीं हैं, मैं इस बारे में बात नहीं कर रहा हूं. यहां बात उस संदर्भ में हो रही है कि पहले उन शहरों को किस योजना...
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औरतों की आजादी का कारवां-- शशिशेखर
तीन तलाक को जो लोग महज मुस्लिम हक-हुकूक का मुद्दा बनाने पर आमादा हैं, उनसे अनुरोध है कि एक बार वे अपनी हिन्दुस्तानी परंपरा में झांक देखें, उनकी सारी शंकाओं का समाधान मिल जाएगा। जन-जागरण और बदलाव हमारे देश में रवायत रही है। परिवर्तन की यह अनवरत कामना भले ही कभी-कदा अदालत अथवा हुकूमत के जरिए आकार लेती दिखाई पडे़, पर मूलत: भारतीय समाज आत्मालोचन के जरिए आगे बढ़ने का अभ्यस्त...
More »तीन तलाक पर कमजोर फैसला -- योगेन्द्र यादव
तीन तीन तलाक की प्रथा मानवीयता, संविधान और इस्लाम तीनों के विरुद्ध है. देर-सवेर तीन तलाक को खारिज होना ही था, सो हो गया. लेकिन, मुझे इस फैसले से तीन बड़ी उम्मीदें थीं. एक, इससे तीन तलाक ही नहीं, देश में तमाम महिला विरोधी धार्मिक-सामाजिक कुरीतियों को अमान्य करने का रास्ता खुलेगा. दो, इस बहाने मुस्लिम समाज में सुधार होगा और मुस्लिम अपने कठमुल्ला नेतृत्व से मुक्त होंग. तीन, कानूनी...
More »तीन तलाक पर अच्छा फैसला-- भूपेन्द्र यादव
तीन तलाक पर आये फैसले को किसी संस्था या धार्मिक परंपरा विशेष के खिलाफ न मानकर एक प्रगतिशील कदम के रूप में देखना चाहिए, जो समाज के साधारण एवं वंचित वर्ग के प्रति निष्पक्ष न्याय व्यवस्था का फैसला है. इस विषय पर मीडिया के सारे साधनों में बहस और चर्चा हुई है, जिसमें धार्मिक संवैधानिक विशेषज्ञों के साथ साधारण जन और पीड़ित पक्षों ने भी बहस की है. यह...
More »कब्रिस्तान में पेड़ के नीचे पढ़ते हैं इस मदरसे के बच्चे
जयपुर। राजथान के धौलपुर जिले के एक सरकारी मदरसे के बच्चे कब्रिस्तान में कब्रों के बीच पेड़ के नीचे बैठ कर पढ़ते है। इन्हें अपना मिड डे मील भी यहीं खाना पड़ता है। यह मदरसा कक्षा पांचवीं तक है और इस स्थिति के चलते यहां अब पढ़ने आने वाले बच्चों की संख्या घटकर सिर्फ 50 रह गई है। मदरसा कमेटी के सदस्य अकबर खान उस्मान का कहना है कि कब्रिस्तान में...
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