मध्यप्रदेश में किसानों की आत्महत्या के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे है. अब राज्य के छतरपुर में कर्ज से परेशान किसान ने फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली. वहीं, सागर जिले के बीना में भी एक किसान ने अपनी जान दे दी. राज्य में 1 जून से शुरू हुए किसान आंदोलन के बाद से अब तक 18 किसान आत्महत्या कर चुके हैं. राज्य के बुंदेलखंड हिस्से के तहत आने वाले...
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शर्मनाक: पिछले 7 सालों में करीब 98 हजार किसानों-खेतीहर मजूदरों ने की आत्महत्या
तमिलनाडु, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश से लेकर बिहार तक हमारा पेट भरने वाले किसान आंदोलित हैं। पिछले तीन सालों से पड़े सूखे ने किसानों और खेतीहर मजदूरों ने कमर तोड़ दी है। नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) की रिपोर्ट के अनुसार 2009 से 2015 के दौरान 97847 किसानों और खेतीहर मजदूरों ने आत्महत्या की है। किसानों द्वारा आत्महत्या का मुख्य कारण कर्ज रहा है जबकि खेतिहर मजदूरों के लिए ‘पारिवारिक समस्याएं'...
More »वायु प्रदूषण से कमजोर हो रहे हैं लोगों के दिल, हर साल होती हैं 55 लाख मौतें
मल्टीमीडिया डेस्क। प्रदूषित क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के दिल उन लोगों की तुलना में कमजोर हैं, जो नियमित रूप से स्वच्छ हवा में सांस लेते हैं। यह जानकारी एक नए अध्ययन में सामने आई है, जिसमें कहा गया है कि यह सबूत है कि जीवाश्म ईंधन लोगों की जान ले रहा है। शोधकर्ताओं ने कहा कि जब डीजल वाहनों से जुड़े प्रदूषण का स्तर यूरोपीय संघ द्वारा निर्धारित सेफ्टी...
More »देर से शादी के चलते जानलेवा हो रहा है हाइपरटेंशन
भोपाल। आरामतलब जिंदगी और उसके बाद देर से शादी गर्भवती महिला व शिशु के लिए खतरनाक साबित हो रही है। लाइफ स्टाइल के चलते उन्हें 25 से 30 साल की उम्र में ही हाइपरटेंशन (हाई बीपी) हो रहा है। इस उम्र में मां बनने पर मां के साथ ही गर्भस्थ शिशु की जिंदगी भी खतरे में रहती है। पिछले साल (2015-16) के मैटरनल डेथ रिव्यू में सामने आया है कि...
More »बढ़ती तपिश के सुलगते सवाल-- मोनिका शर्मा
साल-दर-साल बढ़ती तपिश चिंता का विषय बन रही है। इस साल मार्च के महीने में ही गुजरात और महराष्ट्र में अलर्ट जारी करना पड़ा है। एक ओर जहां गुजरात के अहमदाबाद में भीषण गर्मी के कारण ‘येलो अलर्ट' जारी किया गया है वहीं दूसरी ओर देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में भी पारा रेकॉर्ड तोड़ रहा है। मौसम विज्ञानी चढ़ते पारे को बड़ी चिंता का विषय मान रहे हैं। मौसम की...
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