जनसत्ता 28 जनवरी, 2014 : महिलाओं के विरुद्ध होने वाले यौन अपराधों से निपटने के उपायों और तौर-तरीकों को लेकर सामाजिक-सांस्कृतिक ही नहीं,काफी कानूनी विभ्रम भी हैं। कठोरतम दंड-प्रावधानों के साए में, देश की अपराध-न्याय व्यवस्था आसाराम और तेजपाल के आचरण में भेद नहीं कर पा रही है; पुलिस और अदालती कार्यवाही में दोनों को एक समान ही निपटाया जा रहा है। यौनिक दुराचरण के आरोपी जजों की ओर से...
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संविधान लागू कीजिए गांव बन जायेंगे गणराज्य- राहुल सिंह
हमारा संविधान राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के गांव को स्वावलंबी व उन्हें एक स्वायत्त शासन इकाई बनाने के सपने के अनुरूप है. हमारे गांव ऐसे हों, जो अपने फैसले खुद लें और अपनी जरूरत की अधिक से अधिक चीजों का उत्पादन खुद करें. संविधान में ग्राम पंचायत को एक स्वायत्त शासन इकाई के रूप में स्थापित करने के लिए विधानमंडल को सभी जरूरी उपाय करने का कहा गया है. भारत के...
More »बिहार के हिस्से में कटौती 3000 करोड़ कम मिलेंगे
केंद्र सरकार के वित्तीय कुप्रबंधन का खामियाजा बिहार को लक्ष्य के अनुरूप राजस्व संग्रह में विफल रहने पर केंद्र ने करों में बिहार की हिस्सेदारी में 3000 करोड़ की कटौती की है. इतना ही नहीं, केंद्र ने सुखाड़ से निबटने के लिए अब तक न 12500 करोड़ की मदद दी और न ही एनएच की मरम्मत के 969 करोड़ लौटाये हैं. पटना : केंद्र में लक्ष्य से कम राजस्व संग्रह का असर बिहार...
More »बाजार मुहैया कराने की भी योजनाएं
देश की अर्थवस्था को गति देने में छोटे और मंझोले उद्यमियों की बड़ी भूमिका है. रोजगार, आर्थिक उत्पादन और घरेलू जरूरत की चीजों को तैयार करने के अलावा भारत की कई लोकप्रिय वस्तुओं के निर्यात के आधार को भी ये मजबूत करते हैं. विदेशी मुद्रा प्राप्त करने में भी ये बड़े माध्यम हैं. इसलिए सरकार इन्हें हर स्तर पर सुविधा, सहायता, संरक्षण, प्रोत्साहन और मार्गदर्शन उपलब्ध कराती है. इसे लेकर कई...
More »मनरेगा पर ज्यादा सरकारी धन खर्च
मनरेगा देश की सबसे बड़ी योजना है, जिस पर केंद्र सरकार 40-42 हजार करोड़ रुपये सालाना खर्च करती है. इसके मकसद के बारे में सभी जानते हैं. महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) एक कानून है, जो शासन को इस बात के लिए बाध्य करता है कि वह किसी भी ग्रामीण परिवार के वैसे सदस्यों को एक साल में सौ दिन का रोजगार मुहैया कराये, जो 18 साल...
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