वर्ष 1967 में अमेरिकी अर्थशास्त्री विलियम और पॉल पैडॉक ने कहा था कि भारत की बढ़ती आबादी से कोई उम्मीद नहीं की जा सकती, इन लोगों को केवल गुलाम बनाया जा सकता है। एक लंबे समय तक भारत के बारे में दुनिया का यही नजरिया था। बहरहाल, जैसे ही हमारी जनसंख्या ने एक अरब का आंकड़ा पार किया, एक ऐसा 'डेमोग्राफिक डिविडेंड" उभरकर सामने आया, जो कि दुनिया में किसी के...
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गोवा सरकार ने किया नारियल के पेड़ को 'पेड़' मानने से इंकार
गोवा सरकार के हाल के एक फैसले ने प्रदेश की राजनीति गरमा दी है। गोवा सरकार ने नारियल के पेड़ को ‘पेड़' मानने से इनकार कर दिया है और इससे नारियल के पेड़ों को काटने का रास्ता साफ हो गया है। इस फैसले के बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की अगुआई वाली गठबंधन सरकार की आलोचना होने लगी है। विपक्ष के साथ ही पर्यावरण कार्यकर्ताओं ने भी सरकार के इस फैसले...
More »विकास के किफायती मॉडल की ओर - जयंत सिन्हा
सुस्त वैश्विक अर्थव्यवस्था में भारत प्रगति की मशाल थामने और दुनिया के विकास में मुख्य भागीदार बनने को तैयार है। अगले दशक में सकल आर्थिक विकास की दृष्टि से भारत लगभग चीन जितनी और अमेरिका से लगभग दोगुनी भागीदारी करने वाला है। भारतीयों के लिए भारत में तैयार उत्पाद और सेवाओं का उपयोग पूरी विकासशील दुनिया में किया जाने वाला है। इसलिए भारत का किफायती विकास मॉडल न सिर्फ मात्रात्मक...
More »'नेट न्यूट्रैलिटी' है जरूरी, इंटरनेट पर क्यों हो किसी का एकाधिकार?
भारत में इंटरनेट का उपयोग करनेवालों की संख्या पिछले साल ही 35.4 करोड़ से अधिक हो चुकी थी. इसमें करीब 60 फीसदी इसका इस्तेमाल मोबाइल फोन पर करते हैं. यह संख्या लगातार बढ़ रही है. लेकिन, इंटरनेट तक सभी लोगों की पहुंच समान रूप से रहे या किसी कंपनी को अलग-अलग वेबसाइट्स के लिए अलग-अलग दरें और स्पीड तय करने का एकाधिकार मिले, इस पर इन दिनों जोरदार बहस...
More »बागवानी में दूसरे स्थान पर भारत
बीते कई वर्षों से देश में किसानों को मॉनसून के धोखे से रू-ब-रू होना पड़ रहा है. बावजूद इसके उन्होंने हार नहीं मानी. उनकी हिम्मत, मेहनत और लगन का ही नतीजा है कि आज बागवानी के क्षेत्र में देश दुनिया में दूसरे स्थान पर है. स्थिति यह कि हमारे यहां लगातार तीसरे साल खाद्यान्न के मुकाबले फल व सब्जियों का उत्पादन बढ़ा है. पेश है एक रिपोर्ट... 2014-15 में लगातार तीसरे...
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