देश के 25,000 से अधिक बच्चों ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को पोस्टकार्ड भेजकर आग्रह किया है कि संयुक्त राष्ट्र महासभा के 68वें अधिवेशन में वह उनसे जुड़े मुद्दों को ध्यान में रखें। यह जानकारी गैरसरकारी संगठन, वर्ल्ड विजन इंडिया ने दी है। संगठन के मुताबिक, देश के 40 करोड़ बच्चों की आवाज के रूप में 25,000 पोस्टकार्ड प्रधानमंत्री को भेजे गए हैं, जिसमें उन्हें 2015 के शहस्त्राब्दी विकास लक्ष्य (एडीजी)...
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फेरीवालों को सम्मान का हक है- सुधांशु रंजन
दैनिक जरूरतों की वस्तुएं घर के निकट उपलब्ध करानेवाले मेहनतकशों का हर दिन असुरक्षा और अपमान के बीच बीतता है. उनके दु:ख-दर्द को देखते हुए उनके हकों को कानूनी जामा पहनाने का एक क्रांतिकारी कदम उठाया गया है. भारत में 90 फीसदी से अधिक लोग असंगठित क्षेत्रों में काम करते हैं. उनकी कोई सामाजिक सुरक्षा नहीं होती. इनमें एक बड़ा वर्ग फेरीवालों का है, जो सड़कों के किनारे और गलियों में...
More »पंद्रह दिनों में डेंगू के 300 से ज्यादा मामले
डेंगू ने दिल्ली में तेजी से अपने पांव पसारने शुरू कर दिए हैं। पिछले 15 दिनों में ही दिल्ली के विभिन्न अस्पतालों में डेंगू के 300 मरीज भर्ती हुए हैं। एक की मौत हो चुकी है, हालांकि सरकारी आंकड़ों में इसका कोई उल्लेख नहीं है। दिल्ली नगर निगम के आंकड़ों में जनवरी से 15 सितंबर 2013 तक डेंगू के 466 मरीजों की पुष्टि हुई है। लेकिन सही आकंड़ा इससे कई ज्यादा...
More »आरटीआइ से पंचायतें मांगें अधिकार
मित्रो, आप पंचायती राज संस्थाओं के प्रतिनिधि हैं. जनता ने आपको इसलिए चुना कि आप पंचायत, प्रखंड और जिला स्तर पर उनकी बुनियादी समस्याओं को दूर करने के लिए योजनाएं बनाएं, उनका कार्यान्वयन करें और उन पर नियंत्रण रखें. संविधान के 73वें संशोधन ने आपको वही ताकत दी है, जो अपने क्षेत्र में विधायकों और सांसदों को मिला हुआ है. निचले स्तर पर आप पंचायत सरकार हैं. पंचायत सरकारें सत्ता के लोकतांत्रिक ढांचे की...
More »महिला जनप्रतिनिधि भी आरटीआइ लगाने में आगे
पंचायती राज में 50 फीसदी महिलाओं के आने से एक बात तो स्पष्ट हो जाती है कि अगर परिवार का हस्तक्षेप न हो और व्यवस्था सहयोग करे, तो अधिसंख्य महिला जनप्रतिनिधि हमेशा भ्रष्टाचारमुक्त समाज के साथ पंचायत में समेकित विकास की बात सोचती हैं. प्रथम अपील एवं द्वितीय अपील तक महिला जनप्रतिनिधियों की पहुंच कम शाहिना परवीन बताती हैं, इसके पीछे दो महत्वपूर्ण कारण हैं. अव्वल तो यह की आज भी सूचना का...
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