नई दिल्ली। आर्थिक विकास की रफ्तार बढ़ाने के लिए पहले किए गए भूमि अधिग्रहण लक्ष्य हासिल करने में विफल रहे हैं। नए विवादास्पद जमीन अधिग्रहण विधेयक (लैंड बिल) पारित कराने की जद्दोजहद को देखते हुए यह एक चेतावनी से कम नहीं है। नियंत्रक और महालेखापरीक्षक (सीएजी) की एक रिपोर्ट के मुताबिक विशेष आर्थिक क्षेत्र (एसईजेड) के लिए किसानों की अधिगृहित जमीन के अधिकतम 62 फीसदी का ही इस्तेमाल मैन्युफैक्चरिंग, निर्यात और...
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मोदी सरकार के 1 साल( विशेष आलेख, आलेख प्रभात खबर)
पिछले आम चुनाव के दौरान नरेंद्र मोदी का एक प्रमुख नारा था- ‘सबका साथ-सबका विकास'. अपने इस वादे पर अमल करते हुए सरकार ने पिछले एक साल में आम आदमी की समृद्धि और उन्हें आर्थिक सुरक्षा मुहैया कराने के उद्देश्य से कई नयी योजनाएं शुरू कीं. कुछ पिछली योजनाओं में भी तब्दीली करते हुए उन्हें नये नाम और प्रारूप में शुरू किया गया. जन-धन, बीमा और पेंशन आदि से जुड़ी...
More »मौत आती है पर नहीं आती - अनुराग चतुर्वेदी
'मरते हैं आरजू में मरने की/मौत आती है पर नहीं आती।" 7 मार्च 2011 को अरुणा रामचंद्र शानबाग बनाम यूनियन ऑफ इंडिया और अन्य के मुकदमे का फैसला सुनाते हुए न्यायमूर्ति मार्कंडेय काटजू ने मिर्जा गालिब के इस शे"र को याद किया था। सोमवार को जब अरुणा ने आखिरी सांस ली, तब काटजू ने एक बार फिर यह शे"र दोहराया। इस दर्दनाक कहानी की शुरुआत 26 नवंबर 1973 को होती...
More »पहचान छिपाने की मजबूरी देता समाज
छुआछूत को कानूनी तौर पर खत्म किए जाने के 65 साल बाद भी देश का चौथा नागरिक किसी-न-किसी रूप में इसके अनुभवों से गुजर चुका है। एक अखिल भारतीय सर्वेक्षण में यह बात सामने आई है। यह सर्वे राष्ट्रीय व्यावहारिक आर्थिक अनुसंधान परिषद और मैरीलैंड यूनिवर्सिटी, अमेरिका ने किया है। इसमें महत्वपूर्ण बात यह है कि छुआछूत विरोधी तमाम कड़े कानून बनने के बाद हम उससे मुक्त नहीं हो पाए...
More »चीन की विकास गाथा और हम- दिबांग
भारत के आजाद होने के दो साल बाद ही पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना बना था। 50 और 60 के दशक में भारत जीडीपी और प्रति व्यक्ति आय में चीन से लगातार आगे रहा, लेकिन आज भारत की अर्थव्यवस्था दो ट्रिलियन डॉलर की है और चीन की नौ ट्रिलियन डॉलर की। देखते ही देखते शंघाई दुनिया के सबसे वैभवशाली समृद्ध शहरों में गिना जाने लगा। चीन ने 1981 से 2013...
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