दो मंत्रालय और दो तरह के आकलन, क्षेत्र मगर एक, खेती-किसानी का ! आकड़ों के विरोधाभास की ऐसी हालत में कोई वास्तविक स्थिति का किस तरह अनुमान लगाये ? अगर ऊपर लिखी बात आपको किसी पहेली की तरह लग रही हो तो इस तथ्य पर गौर कीजिए-केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय के नये आंकड़े में अनुमान लगाया गया है कि कृषि-क्षेत्र में सकल मूल्य वर्धन(जीवीए) पिछले साल के मुकाबले कम होगा. लेकिन, कृषि...
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अर्थव्यवस्था सुधारने का मौका-- हिमांशु
आगामी 1 फरवरी को पेश होने वाला बजट मौजूदा सरकार का आखिरी पूर्ण बजट होगा। ऐसा इसलिए, क्योंकि 2019 का बजट लेखानुदान होगा। हालांकि मोदी सरकार का यह आखिरी पूर्ण बजट होगा या नहीं, यह इस बात पर निर्भर करेगा कि 2019 में चुनावी नतीजा किस करवट बैठता है? इसका मतलब यह है कि आगामी बजट महज इसलिए महत्वपूर्ण नहीं है कि इससे अर्थव्यवस्था को कौन-सी दिशा मिलती है, बल्कि...
More »2019 तक 77% भारतीयों के पास नहीं होगी अच्छी JOB, बढ़ेगी बेरोजगारी : ILO रिपोर्ट
नई दिल्ली। अंतरराष्ट्रीय श्रमिक संगठन की ताजा रिपोर्ट में चौंकाने वाला दावा किया गया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि वर्ष 2017 से 2019 के दौरान भारत में नौकरियों पर संकट होगा। ऐसा नहीं है कि इस अवधि में नौकरियां नहीं होंगी, लेकिन इनका स्तर ठीक नहीं होगा। संगठन ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि भारत सहित एशिया के देशों में दो से ढाई करोड़ के बीच नौकरियों का...
More »महानगरों के दड़बे-- अभिषेक कुमार
भारत जैसे आबादीबहुल देश में रोटी और कपड़े के बाद तीसरी सबसे अहम जरूरत मकान की उपलब्धता का इस वक्त क्या हाल है, इसका अंदाजा सरकारी आवासीय योजनाओं में आवेदकों की संख्या से होता रहा है। पर इन योजनाओं में फ्लैट के नाम पर काल कोठरी या मुर्गी के दड़बे जैसा घर देने की जो परंपरा दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) ने पिछली दो योजनाओं से शुरू की, उसका नतीजा यह...
More »मानवीय गरिमा के खिलाफ--- कनिष्का तिवारी
नए साल की शुरुआत में ही हस्त आधारित मल निस्तारण की वजह से सात लोग अपनी जान गंवा बैठे। वर्ष 2017 में यदि अखबारों के आंकड़ों पर ही गौर करें तो सौ दिनों के अंतराल में सत्रह मजदूरों को इस अमानवीय कार्य में लगने के चलते अपनी जान गंवानी पड़ी। यह एक ऐसी समस्या है जो व्यक्ति की गरिमा को ठेस पहुंचाती है, साथ ही संविधान व मानवीय आचरण के...
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