न्यूयॉर्क। दुनिया भर में एक तिहाई से अधिक महिलाएं शारीरिक अथवा यौन हिंसा की शिकार हैं तथा महिला विरोधी हिंसा की समस्या ‘महामारी के स्तर' पर पहुंच चुकी है। विश्व स्वास्थ्य संगठन :डब्ल्यूएचओ: ने ‘लंदन स्कूल आॅफ हाइजिन एंड ट्रापिकल मेडिसीन' तथा ‘साउथ अफ्रीका मेडिकल रिसर्च काउंसिल' के साथ मिलकर जो अध्ययन किया है, उसमें यह बात सामने आई है। इस अध्ययन रिपोर्ट में कहा गया है कि शारीरिक एवं यौन हिंसा...
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जल्दी मानसून से खरीफ फसलों को काफी फायदा
धान की बुवाई का काम तेज, दलहन बोने के लिए भी सही जल्दी मानसून आने से खरीफ की फसलों जैसे धान, दलहन और तिलहन को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है। सरकार ने कहा है कि जल्दी मानसून के चलते कृषि क्षेत्र की उत्पादकता ऐसे समय में बढ़ेगी, जब अर्थव्यवस्था सुस्ती के दौर से गुजर रही है। मानसून पूरे देश में करीब एक माह पहले ही सक्रिय हो चुका है। देश में सामान्य...
More »महंगाई के फिर लौटने का खतरा
नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। हाल के कुछ हफ्तों के दौरान थोक उत्पादों की महंगाई दर में कमी का ढिंढोरा पीट रही सरकार को रिजर्व बैंक ने आइना दिखा दिया है। आरबीआइ ने कहा है कि महंगाई पूरी तरह से काबू में नहीं आई है। यह अगले दो से तीन महीनों में फिर बेकाबू हो सकती है। खास तौर पर खाद्य उत्पादों की महंगाई दर अभी भी सामान्य से काफी ज्यादा...
More »अब छोटे गांव हैं बड़ा बाजार
खपरैल व को-पक्के मकान वाले गांव आज ब.डे बाजार बन गये हैं. तमाम देसी-विदेशी कंपनियां अब अपने उत्पादों की बिक्री व नये ग्राहकों की तलाश में गांव की ओर रुख कर रही हैं. एक अध्ययन के अनुसार, वर्तमान में देश की दो तिहाई कंपनियां गांव में अपने व्यापार को विस्तार देने की कोशिश में जुटी हैं. इनमें छोटे घरेलू उत्पाद बनाने वाली कंपनियों से लेकर दोपहिया व चार पहिया वाहन बनाने...
More »श्रम में खोता बचपन
बाल श्रम हमारे समय की एक दुखद सच्चई है. तरक्की के तमाम दावों के बावजूद आज हम उद्योग-धंधों से लेकर घर के भीतर तक पूरी दुनिया में किसी न किसी रूप में बाल श्रमिकों को देख सकते हैं. इसकी रोकथाम के लिए बेशक कई कानूनी प्रावधान किये गये हों, लेकिन पिछड़े क्या विकसित कहे जाने वाले समाजों तक में लाखों बच्चों का बचपन पेट की भूख मिटाने में दफन हो जाता है. वर्ल्ड...
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