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खाद्य-सुरक्षा: बदले बदले से सरकार नजर आते हैं- चंदन श्रीवास्तव

शांता कुमार की अगुवाई में बीते अगस्त में बनी उच्चस्तरीय समिति ने अपनी रिपोर्ट में तीन ऐसी सिफारिशें की हैं, जो सीधे-सीधे खाद्य-सुरक्षा अधिनियम यानी भोजन का अधिकार कानून में प्रदान की गयी हकदारियों पर चोट करती हैं. केंद्र सरकार सोचती है कि लोक-कल्याण की योजनाओं में भ्रष्टाचार होने से कुछ अच्छा होता है, तो भ्रष्टाचार अच्छा है. योजनाओं में भ्रष्टाचार का होना सरकार को चलती हुई योजनाओं से हाथ खींचने...

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सिर्फ 1 लाख खर्च कर 4 महीने में ही कमा डाले 8 लाख रु, अपनाया ये खास तरीका

सीकर। रसीदपुरा के किसान ने खेती से मुनाफे का नया रास्ता खोजा है। दुर्गाप्रसाद ओला ने नीदरलैंड खीरा की बुवाई कर सिर्फ चार महीने में आठ लाख रुपए की पैदावार की है। किसान का दावा है कि नीदरलैंड से बीज मंगवाकर खीरा की पैदावार करने वाला वह राजस्थान में पहला किसान है। इस खीरे में बीज नहीं होने की वजह से बड़े होटल-रेस्त्रां में डिमांड रहती है दुर्गाप्रसाद ने बताया कि...

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सिर्फ 1 लाख खर्च कर 4 महीने में ही कमा डाले 8 लाख रु

सीकर। रसीदपुरा के किसान ने खेती से मुनाफे का नया रास्ता खोजा है। दुर्गाप्रसाद ओला ने नीदरलैंड खीरा की बुवाई कर सिर्फ चार महीने में आठ लाख रुपए की पैदावार की है। किसान का दावा है कि नीदरलैंड से बीज मंगवाकर खीरा की पैदावार करने वाला वह राजस्थान में पहला किसान है। इस खीरे में बीज नहीं होने की वजह से बड़े होटल-रेस्त्रां में डिमांड रहती है दुर्गाप्रसाद ने बताया कि...

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सालभर मिलने वाले भुट्टों के लिए प्रसिद्ध हुआ छत्‍तीसगढ़ का गांव

अनंगपाल दीक्षित, अंबिकापुर(निप्र)। छत्‍तीसगढ़ में कटनी-गुमला नेशनल हाइवे क्रमांक 43 पर स्थित सरगुजा जिले का सिलसिला गांव को यहां के मेहनतकश किसानों ने वर्ष भर स्वादिष्ट भुट्टे के लिए प्रसिद्घ कर दिया है। इस मार्ग पर आने-जाने वाले हर वाहन का पहिया सिलसिला में थम जाता हैं हर कोई यहां के किसानों की मेहनत से पैदा किए गए भुट्टे का स्वाद लेने लालायित रहता है। हर रोज इस छोटे से...

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विकास का नया भारतीय मॉडल - वीएन कौल

इस बात का अपने आपमें एक प्रतीकात्मक महत्व था कि नीति आयोग 1 जनवरी 2015 को अस्तित्व में आया। यह नए साल में नई सरकार के नए दृष्टिकोण को दर्शाने वाला कदम था। नीति आयोग ने जिस योजना आयोग की जगह ली, उसका मूल विचार प्रो. मेघनाद साहा के दिमाग की उपज था, जिन्होंने वर्ष 1938 में समाजवादी शैली में संचालित होने वाली एक राष्ट्रीय योजना समिति की परिकल्पना की...

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