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थोड़ी खुशी ज्यादा गम- ।।प्रभात पटनायक।।

भूमि अधिग्रहण और विकास के शोर में हमारी जर्जर कृषि अर्थव्यवस्था भयानक संकट का सामना कर रही है, मगर वित्तमंत्री बजट में खेती-बाड़ी पर शोध के लिए 200 करोड़ की मामूली रकम का इंतजाम करके दूसरी हरित क्रांति का सपना देख रहे हैं. वित्त वर्ष 2012-13 का बजट कई वजहों से अहम माना जा रहा है. एक तरफ़ यूपीए सरकार चुनावी हार का सामना करने के बाद सियासी मोर्चे पर घिरी हुई...

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20 करोड़ भारतीयों के पास नहीं हैं टीवी, फोन, रेडियो, बाइक

नई दिल्ली. देश में अच्छे स्वास्थ्य की जगह स्टेटस सिंबल को ज्यादा तवज्जो दी जा रही है। रजिस्ट्रार जनरल ऑफ इंडिया (आरजीआई) ने 2011 जनगणना की ताजा रिपोर्ट में खुलासा किया है कि देश के लगभग 53.1 फीसदी घरों में शौचालय की सुविधा नहीं है। आधी आबादी आज भी खुले में शौच करने को मजबूर है। लेकिन इसके ठीक उलट देश में लगभग 63.2 प्रतिशत जनता मोबाइल फोन का इस्तेमाल करती...

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हादसों की सड़क- राम प्रताप गुप्ता

देश में पिछले कुछ वर्षों में तेज गति वाले वाहनों की संख्या में भारी वृद्धि हुई है। इससे सड़क दुर्घटनाएं भी तेजी से बढ़ी हैं। यहां सालाना करीब तीन लाख सड़क दुर्घटनाओं में 1,10,000 से अधिक लोग मारे जाते हैं और 16 लाख से अधिक लोग गंभीर रूप से घायल होते हैं। सड़क दुर्घटनाओं में हताहतों की आठ प्रतिशत सालाना की दर से बढ़ोतरी हो रही है। विश्व स्वास्थ्य संगठन...

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इस गांव में पानी है लेकिन फिर नहीं बुझ रही है प्यास

महासमुंद. पानी की समस्या से दो-चार हो रहे चकचकी गांव के लोगों को कम पानी पीने की विवशता हो गई है। तीन सौ की आबादी को पेयजल उपलब्ध कराने यहां दो हैंडपंप की व्यवस्था की गई है, लेकिन एक हैंडपंप महीनेभर से खराब है। दूसरे हैंडपंप का पानी पूरे गांव के लिए पर्याप्त नहीं हो पा रहा है। बागबाहरा ब्लाक के कसेकेरा के आश्रित मोहल्ले चकचकी में पीने के पानी की पर्याप्त व्यवस्था...

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पूंजी के प्रतीकों पर प्रश्नचिह्न् : केविन रैफर्टी

जरूरत है.. जरूरत है.. जरूरत है.. 60 करोड़ नए जॉब्स की जरूरत है। इंटरनेशनल लेबर ऑर्गेनाइजेशन (आईएलओ) की जनवरी 2012 की रिपोर्ट की यह हैडलाइन पूरी दुनिया के लिए एक चेतावनी की तरह है। रिपोर्ट कहती है कि अगले एक दशक में 60 करोड़ नए उत्पादक जॉब सृजित करने की आसन्न चुनौती का सामना करने के लिए दुनिया को अब कमर कस लेनी चाहिए। प्रेस और बीबीसी ने इस...

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