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3000 नील गायों को मारेगी सरकार, पर किसानों ने निकाला बचाव का दूसरा तरीका

बिहार के मुजफ्फरपुर जिले में 3000 से अधिक नील गायों को मारने की तैयारी स्थानीय प्रशासन द्वारा की गयी है। इसके लिए तमिलनाडु से शार्प शूटर को भी बुलाया गया है। नील गायों को मारने का यह अभियान 23 जनवरी से ही शुरू होना था, मगर शूटर असगर अली की तबीयत खराब होने की वजह से यह अभियान फिलहाल शुरू नहीं हो पाया है। हालांकि नील गायों की सामूहिक हत्या...

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जलवायु परिवर्तन: ऑस्ट्रेलिया में दावानल और एशिया में टिड्डियों का हमला

पिछले दिनों आस्ट्रेलिया में भीषण दावानल में जमीन झुलस गई. लोग और वन्यजीव मर गए. मकान जल कर राख हो गए. इस दावानल की तीव्रता और फैलाव से बिल्कुल साफ है कि इसका संबंध जलवायु परिवर्तन से है. दुनिया के इस हिस्से में हालांकि जंगल में आग लगना आम घटना है, लेकिन इन दावानलों की वजह गर्मी का बढ़ना था, जिस कारण भूगर्भ सूख गया और यह क्षेत्र विस्फोटक स्थिति...

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उत्तर भारत के पहाड़ी राज्यों में बर्फबारी एवं मैदानी इलाकों में बारिश एवं ओलावृष्टि संभव

भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) के अनुसार पश्चिमी विक्षोभ के कारण अगले 24 घंटों के दौरान उत्तर भारत के पहाड़ी राज्यों में बारिश के साथ ही बर्फबारी होने का अनुमान है। इस दौरान मैदानी राज्यों पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में बारिश होने की संभावना है, तथा कुछ जगहों पर ओलावृष्टि हो सकती है। भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (आईएआरआई) के कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार 29 जनवरी को हल्की बारिश की सम्भावना...

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टिड्डियों से तबाही की कहानी पत्रकार को सुनायी तो किसान पर कृषि अधिकारी ने किया केस!

-मीडियाविजिल   राजस्थान के किसान आजकल टिड्डियों के हमले से तबाह हैं। एक ओर मेहनत और लागत से लगायी गयी फसल बरबाद हो रही है तो दूसरी ओर वे किसी से अपनी परेशानी भी नहीं बता पा रहे हैं क्योंकि उन्हें कृषि अधिकारियों का डर दिखाया जा रहा है। इसी तरह का एक मामला शनिवार को सामने आया जब टिड्डी के हमले से हुए नुकसान पर बीकानेर जिले के खाजुवाला ब्लॉक के...

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एक छोटी सी पहल ने बचाई लाखों की फसल

पश्चिम बंगाल के पुरुलिया जिले के रंजनडीह गांव में रहने वाली 55 वर्षीय साधमणि तुडु हर सुबह अपने खेत में जाने से पहले गांव में एक घर की दीवार पर लगा चाकबोर्ड देखना नहीं भूलतीं। तुडु कहती हैं, “पिछले चार साल से चाकबोर्ड देखना गांव से अधिकांश लोगों की आदत में शुमार हो चुका है।” यह चाकबोर्ड 2015 में कोलकाता स्थित गैर लाभकारी संगठन डेवलपमेंट रिसर्च कम्युनिकेशन एंड सर्विस सेंटर (डीआरसीएससी)...

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