छिंदवाड़ा (ब्यूरो)। रविवार की सुबह जुन्नारदेव थाना क्षेत्र के उमरगोड़ गांव में कर्ज और पत्नी की मौत से परेशान एक आदिवासी किसान ने धारदार हथियार से अपने तीन मासूम बेटों सहित स्वयं का गला काट लिया। श्वांस नली कटने से एक बच्चे की मौत हो गई, जबकि गंभीर हालत में दो बच्चों को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। आरोपी पिता के गले में मामूली जख्म है, जिसे पुलिस...
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बीज पर सब्सिडी- किसानों के जख्मों पर नमक-- अखिलेश श्रीवास्तव
अकाल बुंदेलखंड की चौखट पर मुंह बाए खड़ा है। ललितपुर जिला सूखे से सबसे ज्यादा प्रभावित जिलों में से एक है। जिला कृषि विभाग के ताजा आंकड़े बताते हैं कि सत्तर फीसदी खेत बिना बुआई के वीरान पड़े हैं। कई किसान बदहाली के शिकार होकर अपनी स्वभाविक मौत मर चुके हैं तो कुछ एक खुदकुशी की भी खबरें हैं। इतने संवेदनशील मुद्दे पर भी सरकारी अमला कितने संवेदनहीन तरीके से...
More »साफ पर्यावरण किसकी जिम्मेदारी!--- पुष्परंजन
दिल्ली के जिस वसुंधरा इन्कलेव में मैं रहता हूं, वहां 56 हाउसिंग सोसाइटी हैं, और उसके पीछे एक गांव है, दल्लूपुरा. इस गांव में कबाड़ का कारोबार लंबे समय से फलता-फूलता रहा है.अक्सर कबाड़ी कूड़े में प्लास्टिक, रबर और रसायन जलाते हैं, जिससे आसपास के अपार्टमेंट में रहनेवालों का जीना दूभर हो जाता है. पुलिस में इसकी लगातार शिकायत गयी, तब यह कुछ समय के लिए रुका. यह इसलिए नहीं...
More »धमतरी क्षेत्र में किसान ने कर्ज के कारण मौत को गले लगाया
धमतरी । ग्राम खपरी के किसान राधेश्याम साहू ( उम्र 44 वर्ष ) ने कर्ज के चलते जहर खाकर खुदकुशी कर ली। परिजनों के अनुसार राधेश्याम पर 4-5 लाख रुपये का कर्ज था। बताया जाता है कि उसने इस साल अपने बेटे - बेटी की शादी भी करने का सोचा था, लेकिन उसके खेत में धान की फसल अपेक्षा अनुरूप नहीं हुई। किसान की मौत से लोग खासे आक्रोशित हैं। जिला प्रशासन...
More »अन्न की बर्बादी और भूख-- रविशंकर
हर साल देश में करीब पचास हजार करोड़ रुपए का अनाज बर्बाद हो जाता है। एक ऐसे देश में जहां करोड़ों की आबादी को दो जून ठीक से खाना नहीं नसीब होता, वहां इतनी मात्रा में अनाजों की बर्बादी किस तरह की कहानी कहती है? इसकी पड़ताल कर रहे हैं रविशंकर। यह विडंबना नहीं, उसकी पराकाष्ठा है कि सरकार किसानों से खरीदे गए अनाज को खुले में छोड़कर अपना कर्तव्य पूरा...
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