महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश में किसान उग्र हो गए हैं। दोनों राज्यों में किसान आंदोलन हिंसक हो गया। मध्यप्रदेश में पुलिस फायरिंग में छह किसानों की मौत हो गई। यह घटना पूरे देश के लिए चेतावनी है क्योंकि किसानों ने अब शांतिपूर्वक आंदोलन के बजाय हिंसक रास्ता अख्तियार कर लिया है। कर्ज के बोझ तले दबे किसान फसलों की संतोषजनक कीमत न मिलने के कारण सड़कों पर उतर आए। सरकार की...
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अन्नदाता क्यों गोली खाये?-- राकेश पाठक
ध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान खुद को किसान का बेटा, धरतीपुत्र आदि बताते नहीं थकते, लेकिन उनके राज में अन्नदाता किसान किस कदर जुल्म का शिकार है, इसकी कथा मंदसौर में लिख दी गयी. बीते मंगलवार को मालवा की धरती किसानों के खून से सींची गयी. पुलिस की बर्बरता ने छह किसानों के सीने गोलियों से छलनी कर दिये. अब भी किसानों के सीने में आग धधक रही...
More »भूख में तनी हुई मुट्ठी का नाम...-- रविभूषण
धूमिल (9 नवंबर 1936-10 फरवरी 1975) ने लिखा था, 'भूख से रियाती हुई फैली हथेली का नाम दया है, और भूख में तनी मुट्ठी का नाम नक्सलबाड़ी है' (नक्सलबाड़ी कविता, संसद से सड़क तक, 1972 में संकलित). बाद में नागार्जुन ने अपनी एक कविता में यह सवाल किया, 'भुक्खड़ के हाथों में यह बंदूक कहां से आई?' भारतीय राजनीति पर फरवरी 1967 के लोकसभा चुनाव का रैडिकल प्रभाव पड़ा. पश्चिम...
More »क्या इन 3 वजहों से PM नहीं मिले तमिलनाडु के किसानों से?
दिल्ली के जंतर-मंतर पर करीब 40 दिनों से प्रदर्शन कर रहे तमिलनाडु के अन्नदाताओं ने मुख्यमंत्री ई पलानीस्वामी के आश्वासन के बाद अपना आंदोलन एक महीने के लिए स्थगित कर दिया है। लेकिन कहा है कि अगर वायदे पूरे नहीं किए गए तो वे 25 मई को दिल्ली बड़े स्तर पर आंदोलन शुरू करेंगे। पिछले 40 दिनों के प्रदर्शन के दौरान पीएम नरेंद्र मोदी ने उनकी प्रतिनिधियों से मुलाकात नहीं की।...
More »कर्ज माफी अंतिम उपाय नहीं-- आर. सुकुमार
देश के कई हिस्से इन दिनों कृषि संकट से गुजर रहे हैं।काफी हद तक इसकी वजह खराब मानसून है। ज्यादातर इलाकों में किसान आज भी सालाना बारिश पर निर्भर हैं, लेकिन कम बारिश के चलते साल 2014 और 2015 उनके लिए अच्छे नहीं रहे, हालांकि 2016 में अच्छी बारिश हुई थी। इस संकट की एक वजह कमोडिटी साइकिल (उत्पादों का चक्र) भी है, जिसके कारण खाद्य उत्पादों की वैश्विक कीमतें चक्रानुक्रम...
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