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सूचना अधिकार में सेंध- गौरव कुमार

जनसत्ता 1 नवंबर, 2012: पारदर्शी, भ्रष्टाचार-मुक्त, लोकहित केंद्रित कल्याणकारी प्रशासन के वादों के साथ बारह अक्तूबर 2005 को यूपीए सरकार ने सूचना का अधिकार कानून लागू किया। देश में अपनी तरह का यह पहला कानून था, जिसने लोगों के हाथ में सूचना पाने का अधिकार दिया। इसके पहले 1923 का जो कार्यालय गोपनीयता कानून था वह ब्रिटिश-हितों के लिए बनाया गया था, जिसके अंतर्गत यह प्रावधान था कि जनता को सरकारी...

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गायब हो गई गरीबी के सरकारी आंकड़ो की पोल खोलने वाली रिपोर्ट

क्या आपको अर्जुन सेनगुप्ता समिति की रिपोर्ट की याद है? यही थी वह रिपोर्ट जिसने सरकार के गरीबी के आंकड़ों को झुठलाते हुए कहा कि तकरीबन 80% भारतीय रोजना 20 रुपये से भी कम की आमदनी में गुजारा करने को बाध्य हैं।नेशनल कमीशन फॉर इन्टरप्राइजेज इन द अनआर्गनाइज्ड सेक्टर के नाम से जानी गई यह रिपोर्ट अब सूचनाओं के सार्वजनिक जनपद से गायब है। नेशनल कमीशन फॉर इन्टरप्राइजेज इन द अनआर्गनाइज्ड सेक्टर की वेबसाइट अब...

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51 प्रतिशत एफडीआई को हरी झंडी

नयी दिल्ली : केंद्रीय मंत्रिमंडल ने शुक्रवार को मल्टी ब्रैंड रीटेल में एफडीआई को मंजूरी दे दी है.सरकार ने यह कहा है कि यह राज्य सरकारों पर निर्भर करेगा कि वे इसको लागू करने के लिए मॉडलिटीज पर कैसे काम करती हैं. सरकार ने बहुब्रांड खुदरा कारोबार में 51 प्रतिशत एफडीआई की मंजूरी दी है. विदेशी विमानन कंपनियों को घरेलू विमानन कंपनियों में हिस्सेदारी की अनुमति दी है वहीं प्रसारण सेवा उद्योग...

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मीडिया स्टडीज ग्रुप का सरकारी हिंदी वेबसाइट का सर्वेक्षण

मीडिया स्टडीज ग्रुप का सरकारी हिंदी वेबसाइट का सर्वेक्षण सरकार की वेबसाइटों पर हिंदी की घोर उपेक्षा दिखाई देती है। हिंदी को लेकर भारत सरकार के विभिन्न मंत्रालय, विभाग व संस्थान के साथ संसद की वेबसाइटों के एक सर्वेक्षण से यह आभास मिलता है कि सरकार को हिंदी की कतई परवाह नहीं हैं। सर्वेक्षण में शामिल वेबसाइटों के आधार पर यह दावा किया जा सकता है कि हिंदी भाषियों के एक भी मुकम्मल सरकारी वेबसाइट...

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35 हजार करोड़ का घोटालाः राज्यपाल गंभीर, सीएम बेबस

मुबंई. सिंचाई विभाग में 35 हजार करोड़ रुपए के कथित घोटाले के बारे में राज्यपाल के. शंकरनारायणन के निर्देशों को राज्य सरकार गंभीरता से नहीं ले रही है। राज्यपाल ने मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण को पांच महीने पहले जांच के लिए पत्र लिखा था पर अब तक सरकार की ओर से इस बारे में कोई पहल नहीं की गई। जल संसाधन विभाग के चीफ इंजीनियर रहे विजय पांढरे ने करीब छह...

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