-मीडियाविजिल, महोबा के गांव पराखेरा के अच्छेलाल ने हर साल की तरह इस बार भी अपने खेत में गेहूं और मसूर की फसल बोई थी. इस बार फसल अच्छी होने से उम्मीद थी कि मुनाफा ज्यादा होगा. अब हालात ये हैं कि साल भर की जरूरत का अनाज भी मिल पाएगा, कहना मुश्किल है. वे बताते हैं कि आधे से ज्यादा फसलें बारिश की वजह से खराब हो गईं और बची-खुची...
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अंकरी घास क्यों खा रहे थे मुसहर?
-न्यूजलॉन्ड्री, कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए केंद्र सरकार ने देशभर में 21 दिनों के पूर्ण लॉकडाउन की घोषणा कर रखी है. इसके बाद गरीब और मजदूर तबके की परेशान करने वाली तस्वीरें सामने आ रही हैं. लॉकडाउन की वजह से देश के अलग-अलग शहरों से मजदूर तबका अपने घरों को लौटने को मजबूर है. इस बीच पीएम नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी से एक खबर सामने आई जिसने...
More »पंजाब: कोरोना से बचें तो भूख है, भूख से बचें तो पुलिस है और पुलिस से बचें तो प्रकृति है
-सत्याग्रह, कोरोना वायरस के बढ़ते खतरे के मद्देनजर पंजाब में अमरिंदर सिंह सरकार ने कर्फ्यू लगाया हुआ है. लोग-बाग अपने घरों में कैद हैं और जो बाहर निकल रहे हैं, उनकी अपनी-अपनी मजबूरियां हैं. कर्फ्यू के बीच बाहर निकलने वाले जायज लोगों को भी पुलिस की थुक्का-फजीहत बर्दाश्त करनी पड़ रही है. इस महामारी के दौर में भी यह बखूबी साबित हो रहा है कि ‘पुलिस (खासकर भारतीय) ‘पुलिस’ ही है...
More »कोरोना संक्रमण : एशिया की सबसे बड़ी मंडी में 50 फीसदी गिरावट, 40 हजार मजदूरों पर संकट
- डाउन टू अर्थ, “यहां कोरोना संक्रमण से क्या बचाव करें ? हम जांच और पूरी सुरक्षा के साथ किसी तरह भी अपने अपने घर लौटना चाहते हैं। यहां काम कुछ बचा नहीं है। न बाहर से सब्जियों के वाहन आ रहे हैं और न ही खरीदार। पहले व्यस्त दिनों में 700 से 800 रुपये तक कमा लिए करते थे, इन दिनों 100-150 रुपये तक मिलना मुश्किल हो गया है।” करीब...
More »कोरोना लॉकडाउन से प्रभावित असंगठित क्षेत्र को सरकार क्या भूल गई है?
-बीबीसी, वित्त मंत्रालय में जारी लगातार बैठकों और विचार-विमर्श के बाद मध्यम वर्ग और कॉर्पोरेट जगत को कोरोना से निपटने के लिए एक के बाद दूसरी राहतों का एलान हुआ. इसके बाद भारत के 50 से अधिक समाजसेवियों, बुद्धिजीवियों और राजनीतिज्ञों ने केंद्र और राज्य सरकारों को ख़त लिखकर लगभग 40 करोड़ से अधिक दिहाड़ीदारों, खेतिहर मज़दूरों, छोटे किसानों, वृद्धा पेंशन भोगियों और झुग्गी-झोपड़ियों में रहनेवालों विशेष वित्तीय मदद दिए जाने की...
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