कठुआ और उन्नाव में जो कुछ भी हुआ, वैसी घटनाओं पर हमारे समाज को कैसी प्रतिक्रिया देनी चाहिए! विश्वभर में भारत इस बात को लेकर बदनाम है कि यहां यौन हिंसा के कारण महिलाएं अौर बच्चे असुरक्षित हैं. और, अगर यह सच नहीं है, तब भी ऐसी सोच बन चुकी है. ईमानदारी से खुद के भीतर झांकने और यह पूछने के लिए हमें विदेशी मीडिया का सहारा नहीं लेना चाहिए,...
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सेलेब्रिटी और न्याय की जद्दोजहद - अद्वैता काला
न्यायिक तंत्र के साथ सलमान खान का अभी हाल में जो पाला पड़ा है, उस पर तमाम टीका-टिप्पणियां हुई हैं। मसलन मशहूर हस्तियां यानी सेलेब्रिटी अगर ऐसे हालात में फंस जाएं तो उसके क्या फायदे-नुकसान हैं। इस पर लोगों की राय भी बहुत ज्यादा बंटी हुई थी। कुछ लोगों का मानना था कि उन्हें जेल में होना चाहिए तो कुछ लोगों की राय में उनके साथ कुछ ज्यादती हुई है...
More »भय नहीं सम्मान बने पुलिस की ताकत-- विभूति नारायण राय
उत्तर प्रदेश के नोएडा में पिछले दिनों पुलिस ने फ्लैग मार्च के रूप में एक शक्ति प्रदर्शन किया। पुलिस को बल मानने वाले मध्य वर्ग को उसकी शक्ति देखकर खुशी होनी चाहिए थी और जैसा कि दावा किया जा रहा था, अपराधियों के मन में इस दृश्य से इतना भय पैदा होना चाहिए था और उन्हें अपनी जमानतें रद्द कराकर जेलों में दाखिल हो जाना चाहिए था। इनमें से कुछ...
More »जारी है बैंकों में फर्जीवाड़ा-- संदीप बामजई
ट्यूशनल इन्वेस्टर एडवाइजरी सर्विसेज ने पिछले दिनों एक रिपोर्ट दी कि देश में हर रोज बैंक फ्रॉड हो रहे हैं और देश की 20 प्रतिशत संपत्ति पर भारी संकट है. कुछ इसी तरह का आंकड़ा इसके पहले आरबीआई ने भी दिया था. भले ही आम लोगों के लिए यह नयी बात हो, लेकिन मैं जितना बैंकिंग सिस्टम को जानता हूं, यह नयी बात नहीं है और अरसे से बैंकिंग क्षेत्र...
More »दो घरों में झूलतीं विवाहिताएं-- मृदुला सिन्हा
पच्चीस से नब्बे वर्ष की विवाहिताओं से मिलते समय मेरा पहला प्रश्न होता रहा है- 'आपका घर कहां है?' करीब 95 प्रतिशत महिलाएं अपना घर, अपने मायके का गांव या शहर बताती रहीं. अविलंब अपना उत्तर सुधार कर कहती हैं- 'मेरी ससुराल का घर फलाने शहर या गांव में है.' यह सच है कि 90 वर्ष की महिलाएं पिछले 70-75 वर्षों से अपने ससुराल में ही हैं. विवाह के...
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