कठुआ [राकेश शर्मा]। एक मवेशी अधिकतम एक या दो वर्ष अथवा इससे कुछ अधिक समय तक ही लगातार दूध दे सकता है। प्रकृति के नियमों के तहत भी लंबे समय तक दूध देने के लिए उसे बार-बार गर्भ धारण करना जरूरी है। पर कठुआ के नंगल गांव में रघुवीर सिंह के घर में 25 साल की एक गाय 22 साल से दोबारा गर्भ धारण किए बिना निरंतर दूध दे रही...
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कृषि, कर्ज और महंगाई की चुनौतियां
नई दिल्ली [भारत डोगरा]। जहां एक ओर कृषि नीति के सामने महंगाई व किसानों के कर्ज की ज्वलंत समस्याएं हैं, वहीं दूसरी ओर जलवायु बदलाव के संकट से जूझना भी जरूरी है। वैसे तो पहले भी यह बार-बार अहसास हो रहा था कि न्याय, समता व पर्यावरण हितों की रक्षा और खेती में टिकाऊ प्रगति के लिए कृषि-नीति में बदलाव जरूरी हो गए हैं। अब जब जलवायु बदलाव के कुछ दुष्परिणाम नजर आने लगे हैं और...
More »बुंदेलखंड में सहकारिता के जरिए श्वेत क्रांति लाने की तैयारी
सागर। मध्यप्रदेश के बुंदेलखंड को सूखे व पिछड़ेपन के दंश से मुक्ति दिलाने के लिए केन्द्र सरकार द्वारा हाल ही में स्वीकृत किए गए विशेष आर्थिक पैकेज के तहत प्रदेश सरकार बुंदेलखंड में गुजरात की तर्ज पर सहकारिता के जरिए दूध का उत्पादन बढ़ाने की तैयारी कर रही है। पशुपालन, मत्स्य पालन एवं उद्यानिकी विभाग की संभाग स्तरीय बैठक में राज्य के अपर मुख्य सचिव एवं कृषि उत्पादन आयुक्त मलय राय...
More »खेती का छेड़ा ऐसा राग कि सभी हो गए बाग-बाग
भागलपुर। खेती से विमुख हो रहे किसानों के लिए प्रेरणा बन चुके हैं भागलपुर, कटघर मोहल्ले के किसान दंपती। पति-पत्नी खेती में इस कदर रमे हैं कि कृषि विभाग भी इन्हें खेती का रोल माडल मानता है। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि खेती में दोनों पति-पत्नी पारंगत हो चुके हैं। इसी पेशे से उनकी जिंदगी की गाड़ी तो सुखमय चल ही रही है साथ ही इन्होंने अच्छी दौलत और शोहरत भी हासिल कर ली है।...
More »पशुपालन विभाग में डाक्टरों का टोटा
बदायूं। पशुपालन विभाग में कर्मचारियों का टोटा पड़ गया है। चिकित्सकों के 30 पदों में से 11 पद रिक्त हैं और 50 पशुधन प्रसार अधिकारियों में से सिर्फ 13 ही कार्यरत हैं। डाक्टर और स्टाफ के कमी के कारण विभाग की व्यवस्थाएं चरमरा गई है। मुठं्ठी भर कर्मचारी जिले के लगभग दस लाख पशुओं के स्वास्थ्य सम्बंधित जिम्मेदारियों को नही उठा पा रहे हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों का मुख्य कार्य कृषि...
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