महात्मा गांधी ने जब कहा था, ‘धरती पर सबकी जरूरत भर का सामान है, मगर सबके लालच को पूरा करने भर का नहीं', तब उन्हें आभास भी नहीं रहा होगा कि आने वाले समय में उन्हीं का देश जनसंख्या बढ़ोतरी से संत्रस्त हो जाएगा। आज स्थिति यह है कि तमाम कल्याणकारी योजनाएं उस रूप में जरूरतमंदों और आम जन तक पहुंच ही नहीं पा रही हैं, जिस रूप में उन्हें...
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3 साल में 7.28 करोड़ लोगों को रोजगार दिया-नरेन्द्र मोदी ने, बोले अमित शाह
भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने बुधवार 12 जुलाई को कहा कि अर्थ जगत के पंडित ‘नौकरीविहीन वृद्धि' की बात का जिक्र करते हुए मोदी सरकार की आलोचना कर सकते हैं लेकिन भारत केवल नौकरी के भरोसे बेरोजगारी का मुकाबला नहीं कर सकता है और इस संदर्भ में स्वरोजगार पर जोर जरूरी है। शाह ने कहा कि पिछले तीन वर्षों में केंद्र की मुद्रा ऋण योजना के तहत 7.28 करोड़ लोगों...
More »केंद्र शासित राज्यों की व्यथा कथा-- एस. श्रीनिवासन
दिल्ली के बाद अब पुडुचेरी में उप-राज्यपाल और जनता द्वारा चुने गए मुख्यमंत्री के बीच घमासान नए-नए मोड़ ले रहा है। उप-राज्यपाल किरण बेदी ने राज्य मंत्रिमंडल पर भ्रष्टाचार में लिप्त होने का आरोप लगाया है, तो मुख्यमंत्री एम नारायणसामी ने जवाबी हमले में उप-राज्यपाल के आरोपों को बेतुका बताते हुए बेदी को निर्वाचित सरकार के कामकाज में रुकावट पैदा करने वाली बताया और उन्हें तुरंत वापस बुलाने की केंद्र...
More »राजस्थान के कृषि मंत्री नहीं जानते GST का मतलब
जयपुर। भाजपा के नेता और कार्यकर्ता एक तरफ जीएसटी के गुणगान करते फिर रहे है, वही राजस्थान के कृषि मंत्री प्रभुलाल सैनी जीएसटी का पूरा मतलब भी नहीं जानते। रविवार को बारां जिले के सर्किट हाउस में जब एक पत्रकार ने राजस्थान सैनी से जीएसटी का मतलब पूछा तो मंत्री कुछ देर तक सोचते रहे और बाद में सिर्फ गुड्स बोलकर चुप हो गए। दिलचस्प बात यह है कि वे जीएसटी के...
More »सुलगते दार्जिलिंग की राजनीति-- हरिराम पांडेय
पर्यटन के लिए विख्यात दार्जिलिंग में चार दशक पुराना गोरखा आंदोलन फिर से भड़क उठा है। भाषा के नाम पर एक पखवाड़े से चल रहा यह आंदोलन दबने का नाम नहीं ले रहा। दबाने के सरकारी प्रयास आग में घी का काम कर रहे हैं। इस इलाके की सबसे बड़ी पार्टी गोरखा जनमुक्ति मोर्चा नेपाली भाषियों के लिए अलग राज्य की मांग कर रही है। इस आंदोलन से उत्तर बंगाल...
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