भू-अधिग्रहण और किसानों की खुदकुशी के बीच मोदी सरकार ने बुधवार को किसान हितैषी फैसलों की झड़ी लगाकर अपने राजनीतिक नुकसान की भरपाई करने की भरपूर कोशिश की है। इन उपायों के तहत बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि से बरबाद हुई फसलों के लिए सहायता राशि बढ़ाई गई है। नुकसान के आकलन के लिए 50 फीसदी सीमा को घटाकर 33 फीसदी करने, प्रभावित किसानों को कर्ज अदायगी में ज्यादा मोहलत और...
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मोदी-राजन : पहले आप का खेल - नंटू बनर्जी
मंगलवार को नए वित्त वर्ष की पहली मौद्रिक नीति जारी करते हुए रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन ने वही किया, जिसकी कि उनसे उम्मीद की जा रही थी। उन्होंने यथास्थिति कायम रखते हुए रेपो रेट और कैश रिजर्व रेशियो को पूर्ववत रखा है। कॉर्पोरेट जगत ने इस पर निराशा जताई है, लेकिन यदि हम राजन की स्थिति को समझने की कोशिश करें तो पाएंगे कि वे इसके अलावा कुछ...
More »ग्रामोद्योग की फिक्र किसे है- अरुण तिवारी
निवेश और उद्योगों को प्रोत्साहित करने के लिए विभिन्न शुल्क और मंजूरियों में छूट से लेकर तकनीकी उन्नयन और इ-बिज पोर्टल जैसी तमाम घोषणाएं बजट में है। मंजूरियों में छूट को लेकर एक विधेयक लाने की तैयारी का संकेत भी कर दिया गया है। कहना न होगा कि वित्तमंत्री ने उद्योगों की तो खूब चिंता की, परग्रामोद्योगों को अब भी प्रतीक्षा है कि कोई आए और अलग से उनकी चिंता...
More »विकास दर और जीवन स्तर- एम के वेणु
जग सरकार का पहला पूर्ण बजट गंभीर वैश्विक मंदी की पृष्ठभूमि में तैयार किया जा रहा है। यूरोजोन की डगमगाती अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए बृहस्पतिवार को ही यूरोपीय सेंट्रल बैंक ने 13 खरब डॉलर के आपूर्ति कार्यक्रम की घोषणा की है। जापान की अर्थव्यवस्था भी लुढ़क रही है। वैश्विक अर्थव्यवस्था में एक तिहाई का योगदान करने वाली चीन की अर्थव्यवस्था भी खास्ता है। ब्रिक्स समेत तमाम उभरती अर्थव्यवस्थाएं,...
More »भारत के रिन्यूअबल एनर्जी सेक्टर से अमेरिकी कंपनियों को मिलेगी पावर
नई दिल्ली। अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा की यात्रा को भारत के रिन्यूअबल एनर्जी सेक्टर के लिए भले ही एक अहम कारोबारी कामयाबी के तौर पर देखा जा रहा है, लेकिन इसका सबसे अधिक लाभ अमेरिका की सोलर एनर्जी कंपनियों को मिलेगा। अमेरिकी ट्रेड एंड डेवलपमेंट एजेंसी भारत के रिन्यूअबल एनर्जी सेक्टर में दो अरब डॉलर के निवेश की घोषणा कर चुकी है। इससे जहां मोदी सरकार की चौबीसो घंटे बिजली...
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