-आउटलुक, “एनपीए बढ़ा, बैंकों को गहराते संकट से उबारने के उपाय ऊंट के मुंह में जीरे के सामान, गलतियों से सबक सीखने के प्रति लापरवाही, दिवालिया संहिता से सवालिया घेरे में बैंक, याराना पूंजीवाद और भगोड़ों पर कोई खास अंकुश नहीं” अजब जलवा है भगोड़ों का। 23 मई की रात अचानक खबर आई कि देश के बैंकों को हजारों करोड़ का चूना लगाने वाले मोस्ट वांटेड भगोड़ों में से एक, मेहुल चोकसी...
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क्या भारत के कोविड डेटा पर विश्वास किया जा सकता है? देखिए यह आंकड़े
-न्यूजलॉन्ड्री, इस लेख में, हम हर दिन हर घंटे पैदा हो रहे कोविड से जुड़े डेटा को समझने का प्रयास करेंगे. लेकिन विस्तार में जाने से पहले आइए समझने की कोशिश करें कि इस लेख का उद्देश्य क्या है? लक्ष्य कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर लगता है कि बीत गई है. पिछले कुछ हफ्तों से, कोविड के रोजाना नए मामलों और प्रतिदिन होने वाली मौतों में कमी आ रही है. लेकिन दूसरी लहर...
More »यूनेस्को साइंस रिपोर्ट 2021: रिसर्च और टेक्नोलॉजी डेवल्पमेंट भारत का भविष्य तय करेगी!
वैज्ञानिक ज्ञान ने भयानक कोरोनावायरस और इसके प्रसार से निपटने में बहुत मदद की है. रिकॉर्ड कम समय के भीतर, वैज्ञानिकों (वायरोलॉजिस्ट, एपिडेमियोलॉजिस्ट, बायोस्टैटिस्टियन, आदि सहित) और उनके शोध परिणामों ने आम लोगों को यह जानने में मदद की कि SARS-CoV-2 क्या है और यह एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में कैसे फैलता है. आम लोगों को अब यह पता चल गया है कि कैसे सरल तकनीक और व्यवहार में...
More »जिस तरह अंग्रेजों ने बिरसा मुंडा को जेल में मार डाला, उसी तरह भारत सरकार ने स्टेन को: स्वामी के साथी
-आउटलुक, "लेकिन हम फिर भी समूहों में गाएंगे, पिंजरे में बंद पंछी अभी भी गा सकता है।" ये शब्द किसी और के नहीं बल्कि फादर स्टेन स्वामी के थे, जिन्होंने जेल से अपने एक साथी जेसुइट पादरी को लिखे पत्र में कहा था। दोनों हाथों में लगातार झटके के साथ तेज पार्किंसंस बीमारी से पीड़ित स्टेन ने पत्र लिखने के लिए इस दर्द को उठाया, क्योंकि वो अन्य कैदियों की दुर्दशा को उजागर...
More »कोविड-19 के कारण जरुरी जीवन रक्षक टीकों से वंचित रह गए थे 2.3 करोड़ बच्चे
-डाउन टू अर्थ, कोविड-19 के कारण हुए लॉकडाउन और स्वास्थ्य सेवाओं पर पड़ने वाले असर के कारण 2020 के दौरान दुनिया भर में करीब 2.3 करोड़ बच्चे जरुरी जीवनरक्षक टीकों से वंचित रह गए थे। देखा जाए तो यह आंकड़ा 2019 की तुलना में 37 लाख ज्यादा है, जोकि 2009 के बाद से सबसे ज्यादा है। यह जानकारी आज विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ) और यूनिसेफ द्वारा जारी आंकड़ों में सामने आई...
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