दुनिया भर में डॉक्टरों को भगवान का पर्याय माना जाता है। लेकिन पैसों की भूख और लापरवाही के कारण उनमें संवदेनशीलता शून्य होती जा रही है। पिछले दिनों उत्तर प्रदेश के झांसी में एक ऐसा ही दिल दहला देने वाला मामला सामने आया, जहां महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों ने इलाज के लिए आए एक व्यक्ति के सिर के नीचे उसी का कटा हुआ पैर रख तकिया बना दिया।...
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किसानों को मिले आर्थिक आजादी-- अजीत रानाडे
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीएम) के किसान संगठन, अखिल भारतीय किसान सभा द्वारा आहूत 10,000 किसानों की एक मौन पदयात्रा ने बीते छह मार्च को नासिक से मुंबई की ओर प्रस्थान किया. उनकी मुख्य मांगें वन अधिकार अधिनियम 2006 के अंतर्गत किसानों को भूमि का स्थानांतरण, उनकी फसलों के लिए बेहतर कीमतें तथा ऋणमाफी पर केंद्रित हैं. जैसे-जैसे यह पदयात्रा मुंबई की ओर बढ़ी, इसमें पूरे महाराष्ट्र से दूसरे किसान भी...
More »एक साल बाद अब एपीएल वर्ग की महिलाएं भी विधवा पेंशन के दायरे में
भोपाल। पिछले एक साल से विधवा पेंशन योजना के दायरे को बढ़ाने की कवायद अब पूरी होती नजर आ रही है। विधवा पेंशन योजना से बीपीएल (गरीबी रेखा से नीचे) के दायरे को समाप्त किया जा रहा है। बजट घोषणा से पहले सामाजिक न्याय विभाग इसका प्रस्ताव वित्त विभाग को भेज चुका है। इससे करीब दस लाख महिलाओं को सीधा फायदा होगा। सरकार को अब योजना क्रियान्वित करने में 360...
More »सांसदों के भत्तों में 40 हजार की बढ़ोत्तरी मंजूर , निर्वाचन और ऑफिस भत्ता में बड़ा इजाफा
संसद सदस्यों को अब 40 हजार रुपये बढ़े हुए भत्ते मिलना लगभग तय हो गया है क्योंकि केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार (28 मार्च) को इस संबंध में एक प्रस्ताव को अनुमति दे दी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में कैबिनेट ने भत्ता नियमों में संशोधन को एक अप्रैल से लागू करने को मंजूरी दे दी जिससे आवर्ती और गैर आवर्ती व्यय खर्च का अतिरिक्त बोझ क्रमश: 39...
More »पिछले 11 सालों में सरकारी बैंकों पर सरकार ने खर्च किए 2.6 लाख करोड़
नई दिल्ली। हीरा कारोबारी नीरव मोदी द्वारा पंजाब नेशनल बैंक(पीएनबी) को 11 हजार करोड़ से ज्यादा का चूना लगाने के बाद सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों से जुड़ी चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है। इसके मुताबिक पिछले 11 साल में केंद्र सरकार ने सरकारी बैंकों की हालत सुधारने के लिए मोटी राशि लगाई है। आंकड़ा छोटा मोटा नहीं बल्कि पूरे 2.6 लाख करोड़ का है, जो सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों...
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