यूनीक आइडेंटिटी नंबर यानी आधार की राह कभी आसान नहीं थी। खासतौर पर आम लोगों ने इसके लिए काफी पापड़ बेले हैं। पांच साल पहले, जब कार्ड बनाने की शुरुआत हुई थी, तो इसका फॉर्म लेने के लिए ही लंबी लाइनें लगती थीं। फिर उंगलियों के निशान और आंखों की पुतलियों का स्कैन दर्ज कराने के लिए हफ्तों बाद का समय मिलता था। इतने इंतजार के बाद नियत समय पर पहुंचने...
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सोशल मीडिया का बेहतर उपयोग
केरल के कोझीकोड जिले के कलक्टर प्रशांत नायर सोशल मीडिया पर बेहद सक्रिय रहने की वजह से चर्चा में बने हुए हैं. आज फेसबुक पर प्रशांत नायर के एक लाख से ज्यादा फॉलोवर हो चुके हैं. नायर अपनी ओर से पूरी कोशिश रखते हैं कि उनसे जुड़े प्रत्येक व्यक्ति द्वारा किये गये सवालों का वे व्यक्तिगत रूप से जवाब दे सकें. इतना ही नहीं, तमाम स्थानीय मसलों से निबटने के...
More »सेहत और शिक्षा को न बनाएं धंधा-- राजीव रंजन झा
हम भारतीय आम तौर पर कुछ भी खरीदते हैं, तो मोलभाव जरूर करते हैं. मसलन, सब्जी खरीदनी हो तो जरूर पूछते हैं कि भई 40 रुपये किलो क्यों, बगल में 35 का दे रहा है, 30 की देनी है तो दो. लेकिन अगर कोई आपसे पूछे कि आपकी दो बड़ी ऐसी खरीदारी कौन-सी हैं, जिसमें आपने कोई मोलभाव नहीं किया, तो क्या जवाब देंगे? शायद आप कहेंगे कि सिनेमा टिकट...
More »80 साल के बुजुर्गों की इच्छाशक्ति ने बदल दी पुलिया की दशा
मनावर (धार, मध्यप्रदेश)। सार्वजनिक कार्यों के लिए सरकार की ओर मुंह ताकने के बजाय समीपी ग्राम गुलाटी में क्षतिग्रस्त एक पुलिया की मरम्मत करने का बीड़ा 80 वर्ष से अधिक के बुजुर्गों ने उठाया। करीब 7 वर्ष से यह पुलिया क्षतिग्रस्त थी। बालीपुर व गुलाटी के ग्रामीणों द्वारा जनसहयोग से किया गया पुलिया की मरम्मत का यह कार्य प्रेरणा की मिसाल बन गया है। तीन दिन में पुलिया की दशा...
More »स्मार्ट सिटी की तर्ज पर अब स्मार्ट विलेज
ईश्वरसिंह परमार, शाजापुर(मध्यप्रदेश)। चमचमाती चौड़ी सड़कें, साफ-सुथरी गलियां, पानी और बिजली जैसी सुविधाओं से लैस। ये है स्मार्ट सिटी। यदि यह सब गांव में ही मिल जाए तो यकीकन यह स्मार्ट विलेज ही कहलाएगा। पीएम नरेंद्र मोदी के सपने को गांव तक लाने के लिए शाजापुर जिला प्रशासन ने स्थानीय स्तर पर ही जिले के सबसे बड़े गांव बेरछा को स्मार्ट विलेज बनाने का फैसला लिया है। इसके तहत सड़क,...
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