मुजफ्फरपुर [जाटी]। एहू साल अंगना में नाव चली बबुआ, खेत पथार डूबी, जानो बची कि ना, भगवाने मालिक बारन। यह दर्द है गंडक, बूढ़ी गंडक, बागमती, कमला, कोसी, भुतही और अधवारा समूह की नदियों के किनारे बसे उन सैकड़ों गांवों के हजारों ग्रामीणों का, जिनके बचाव के लिए कभी कुछ नहीं किया गया। इस बार भी वे खुद को लावारिस ही पा रहे हैं। वैशाख में ही जेठ की तपती गरमी के बावजूद लोग संभावित बाढ़...
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प्रदेश भर में लगेंगे कृषि विज्ञान मेले
भोपाल। प्रदेश में कृषि उत्पादन एवं उत्पादकता बढ़ाने के लिए राज्य सरकार द्वारा कृषि विज्ञान मेले और प्रदर्शनी का आयोजन करने के लिए जिला कलेक्टरों को निर्देशित किया जा रहा है। यह सभी मेले 6 जून से पूर्व आयोजित किए जाएंगे। इन मेलों में किसानों को एक ही समय में एक ही स्थान पर उन्नत कृषि तकनीकी एवं कृषि अदानों की उपलब्धता की जानकारी दी जाएगी। राज्य सरकार द्वारा पिछले वर्ष के अनुसार इस बार...
More »खाप पंचायतों का बढ़ता खौफ- सुभाष गताडे
नई दिल्ली [सुभाष गाताडे]। इंडियन नेशनल लोक दल के प्रधान ओम प्रकाश चौटाला और काग्रेस के युवा सासद नवीन जिंदल में क्या समानता ढूंढ़ी जा सकती है? अगर राजनीतिक प्रतिबद्धताओं को देखें या उम्र का फासला देखें तो कुछ भी एक जैसा नहीं है। अलबत्ता खाप पंचायतों को लेकर दिए अपने ताजे बयान के बाद दोनों एक ही तरफ खड़े दिखाई देते हैं। पिछले कुछ समय से खाप पंचायतों की तरफ से एक मुहिम...
More »हरी सब्जियों के नाम पर धीमा जहर
बल्लभगढ़ । हरी सब्जियां सेहत के लिए वरदान होती हैं, लेकिन अब इनके नाम पर भी लोगों के स्वास्थ्य से खिलवाड़ किया जा रहा है। सब्जियों से ज्यादा मुनाफा कमाने के चक्कर में यह खेल खेला जा रहा है। केमिकलों की मदद से इनका उत्पादन बढ़ाया जा रहा है। यही नहीं, परमल, करेला, भिंडी, बैगन, हरी मिर्च, शिमला मिर्च, हरा मटर सहित अन्य हरी सब्जियों को हरा और ताजा दिखाने के लिए सिंथेटिक रंग...
More »किसानों की आत्महत्याः एक 12 साल लंबी दारूण कथा
कुछ लोगों के लिए किसानी मुनाफे का धंधा हो सकती है, लेकिन देश की बहुसंख्यक आबादी के लिए यह घाटे का सौदा बना दी गई है. न सिर्फ घाटे का सौदा, बल्कि मौत का सौदा भी. और यह सिर्फ इसलिए किया जा रहा है, क्योंकि खेती से महज कुछ लोगों का मुनाफा सुनिश्चित रहे. यही वजह है कि खेतिहरों के कर्जे की माफी का फायदा भी आम खेतिहरों को नहीं मिला बल्कि बड़े किसानों को...
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