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शरणार्थी शिविरों से लोगों को उठाती दिल्ली पुलिस, खौफ में रोहिंग्या शरणार्थी

-कारवां, 31 मार्च की सुबह दिल्ली पुलिस के अधिकारियों ने दिल्ली के कालिंदी कुंज शरणार्थी शिविर से एक रोहिंग्या परिवार के चार लोगों को उठा लिया. इनमें 70 वर्षीय सुल्तान अहमद, उनकी 45 वर्षीय पत्नी हलीमा और उनके दो बेटे, 28 वर्षीय नूर मोहम्मद और 19 वर्षीय उस्मान, थे. एक हफ्ते पहले पुलिस ने इसी तरह छह लोगों के एक परिवार को हिरासत में ले लिया था. कालिंदी कुंज शिविर के...

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फसल बीमा योजना की सफलता के गान के बीच निजी कंपनियों ने ख़ारिज किए 75 फीसदी दावे

-द वायर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे देशव्यापी आंदोलन के मद्देनजर अपनी सरकार को ‘किसान हितैषी’ दिखाने के एजेंडा के तहत 13 जनवरी को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (पीएमएफबीवाई) का गुणगान किया और योजना के पांच साल पूरा होने को लेकर किसानों को बधाई दी थी. अपने एक ट्वीट में उन्होंने दावा किया कि इस योजना ने प्रकृति के प्रकोप से किसानों को बचाया है और करोड़ों किसानों को...

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एसटीएफ ने यूएपीए के तहत पत्रकार कम्पन समेत 8 के खिलाफ दायर की 5 हजार पन्नों की चार्जशीट

-न्यूजलॉन्ड्री, शनिवार को उत्तर प्रदेश पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स ने पत्रकार सिद्दीक कम्पन और सात अन्य के खिलाफ यूएपीए के तहत चार्जशीट दायर की है. 5,000 पन्नों की इस चार्जशीट में आरोप है कि पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) और उसकी स्टूडेंट विग कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया (सीएफआई) के सदस्यों ने हाथरस केस की आड़ में उत्तर प्रदेश में दंगा फैलाने की साजिश रची थी. इन पर देशद्रोह, आपराधिक षडयंत्र...

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PM स्वनिधि के तहत निजी बैंकों से स्ट्रीट वेंडर्स को अब तक केवल 1.6% लोन मिला

-द प्रिंट, कोविड-19 लॉकडाउन के कारण प्रभावित रेहड़ी-पटरी वालों को छोटे-मोटे कर्ज की सुविधा मुहैया कराने के लिए प्रधानमंत्री की तरफ से आत्मनिर्भर निधि योजना घोषित किए जाने के 10 महीने बाद आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय का डेटा दर्शाता है कि निजी बैंक इन स्ट्रीट वेंडर को लोन देने से कतरा रहे हैं. पीएम स्‍वनिधि योजना के तहत स्ट्रीट वेंडर 1 वर्ष की अवधि के लिए 10,000 रुपये तक की...

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गलत जेंडर पहचान, यौन हिंसा और उत्पीड़न: भारतीय जेलों में ट्रांसजेंडर होने की नियति

-द वायर, ए-4 आकार की एक नोटबुक नागपुर सेंट्रल जेल में किरण गवली द्वारा गुजारे गए 17 महीनों की गवाही देती है. किरण बगैर नागा किए हर दिन थोड़ा समय निकालकर दिन भर की घटनाओं का ब्यौरा लिखा करती थीं- नई बनाई गई दोस्तियों, वेदना, अकेलेपन और कभी -कभी दिल टूटने के बारे में. किसी-किसी दिन शब्द कविता की तरह बहकर आया करते थे, दूसरे दिनों में सिर्फ गुस्से से भरी कच्ची-पक्की...

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