नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो : केंद्र सरकार कुछ शर्तो के साथ चीनी उद्योग को नियंत्रण मुक्त करने को तैयार हो गई है। कृषि मंत्री शरद पवार के बाद खाद्य मंत्री केवी थॉमस ने भी चीनी उद्योग को नियंत्रण मुक्त करने के प्रस्ताव पर मंगलवार को अपनी सहमति जता दी। उन्होंने चीनी उद्यमियों से कहा कि वे कुछ ऐसे उपाय सुझाएं ताकि गरीबों को पूरे साल रियायती चीनी उपलब्ध हो सके। थॉमस मंगलवार...
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मुद्दा: गरीब की नई परिभाषा
गरीबी: सभ्य समाज के इस सबसे बड़े अभिशाप को राष्ट्रपिता गांधी जी ने हिंसा का सबसे खराब रूप कहा। करेला उस पर नीम चढ़ा कि स्थिति यह कि गरीबों को 'गरीब' न मानना। हमारे हुक्मरानों ने गरीबों की नई परिभाषा गढ़ी है। अगर आप शहर में रहकर 32 रुपये और गांव में रहकर 26 रुपये प्रतिदिन से अधिक खर्च कर रहे हैं तो आप गरीब नहीं है। खुद को गरीब मानते...
More »खरीफ फसलों को 1100 करोड़ ऋण वितरित
रायपुर। छत्तीसगढ़ में खरीफ फसलों की खेती के लिए किसानों को अब तक 1,150 करोड़ रुपये से ज्यादा ऋण वितरित किया गया। आधिकारिक सूत्रों ने सोमवार को यहा बताया कि खरीफ फसलों की खेती के लिए छत्तीसगढ़ के किसानों को अब तक।,077 करोड़ रुपये से अधिक राशि का अल्पकालिक कृषि ऋण वितरित किया जा चुका है। पिछले वर्ष खरीफ सीजन में यह राशि 850 करोड़ रुपये थी। छत्तीसगढ़ राज्य सहकारी...
More »निर्धनता का विचित्र पैमाना- संजय गुप्त
उच्चतम न्यायालय में सार्वजनिक वितरण प्रणाली की खामियां दूर करने के मामले की सुनवाई के सिलसिले में योजना आयोग के इस हलफनामे ने देश को चौंका दिया कि शहरी क्षेत्रों में प्रतिदिन 32 और ग्रामीण इलाकों में 26 रुपये खर्च करने वाले लोग गरीबी रेखा से ऊपर माने जाएंगे। इस हलफनामे से योजना आयोग के साथ-साथ केंद्र सरकार की भी फजीहत हुई। इस हलफनामे को लेकर सबने सरकार को कोसा।...
More »इंटरनेट पर गायों का लेखा-जोखा
बेझा गांव के राकेश रंजन उर्फ़ बब्बू सिंह हाइटेक पशुपालक और किसान हैं. 35 वर्षीय राकेश चार साल पहले आम लोगों में शुमार थे, लेकिन अपनी मेहनत और लगन के बल पर अब खास बन गये हैं. आधुनिक संचार साधन का इस्तेमाल कर परंपरागत खेती-किसानी का स्वरूप कैसे बदला जा सकता है, इसका बेहतर उदाहरण राकेश ने पेश किया है. बब्बू के पास उन्नत नस्ल की 19 गायें हैं, जिनमें से सभी का...
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