गांव में रहनेवाले बच्चे आमतौर पर प्रारंभिक शिक्षा पूरी करने के बाद उच्च शिक्षा या नौकरी के इरादे से बड़े शहरों का रुख कर लेते हैं. लेकिन 84 साल के हो चले भीखूभाई व्यास ने ऐसा नहीं किया़ युवावस्था में अपने गांव को छोड़ जाने से बेहतर उन्होंने अपनी मिट्टी से जुड़े रह कर उसे संवारने का बीड़ा उठाया़ आइए जानें कैसे़ गुजरात के...
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सैटेलाइट से मकानों की गिनती का खर्च 1.63 करोड़, सूची पर भरोसा नहीं
रायपुर। सैटेलाइट से मकानों की गिनती (जीआईएस सर्वे) का खर्च केवल रायपुर नगर निगम क्षेत्र का ही 1.63 करोड़ रुपए पहुंच गया है। इसके बावजूद सर्वे रिपोर्ट और मकानों की संख्या की सूची पर नगर निगम भरोसा नहीं कर पा रहा है। एक तरफ गणना में गड़बड़ी बताई जा रही है तो दूसरी तरफ हजारों मकानों के छूटने की बात सामने आई है। सर्वे करने वाली एजेंसी ने एक वार्ड को...
More »खाली जमीन पर फसल दिखाकर बीमा कंपनियों ने किया धोखा
मृगेंद्र पांडेय, रायपुर। छत्तीसगढ़ में किसानों के फसल बीमा में प्रीमियम की राशि में बीमा कंपनियों ने किसानों को जमकर चूना लगाया है। बीमा कंपनियों ने किसानों से उस जमीन का भी प्रीमियम वसूल लिया, जिस पर खेती ही नहीं की गई है। बीमा कंपनियों ने किसानों की खाली जमीन पर भी धान की फसल खड़ी कर दी और हर एकड़ में दो हजार रुपए काट लिए। बीमा कपंनियों ने इस...
More »सरकारी रक्तदान शिविर में सामने आई युवाओं के स्वास्थ्य की हकीकत
जयपुर। भाजपा के संस्थापक दीनदयाल उपाध्याय की जयंती पर सरकार की ओर आयोजित रक्तदान शिविरों में युवाओं के स्वास्थ्य की हकीकत सामने आ गई। राजथान के डूंगरपुर जिले में 90 प्रतिशत युवक कम वजन और अनीमिया यानी रक्त अल्पता के शिकार मिले तथा रक्तदान नहीं कर पाए। राजस्थान सरकार ने इस बार दीनदयाल उपाध्याय जयंती पर राजस्थान के सभी सरकारी कॉलेजों में रक्तदान शिविरों का आयोजन किया था। इन शिविरों में...
More »खेती की सुध कब लेगी सरकार- एम के वेणु
उत्तर और पश्चिमी भारत के किसानों को इस वर्ष के प्रारंभ में तब भारी संकट का सामना करना पड़ा था, जब बेमौसम बरसात के कारण उनकी रबी की पकी फसलें खेतों में बर्बाद हो गई थीं। उस भयावह अनुभव के बाद (जिसने दस एकड़ से कम कृषि भूमि वाले छोटे और मंझोले किसानों की आर्थिक हालात को काफी प्रभावित किया था) अब हम पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार के कुछ हिस्से,...
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