बीजिंग: अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने भारत में छह प्रमुख क्षेत्रों में सुधारों को आगे बढाने की जरुरत पर बल देते हुए आगाह किया है कि देश में कंपनियों और बैंकों की बैलेंश-शीट की कमजोरी, आर्थिक सुधारों की धीमी पडती गति और मंद निर्यात से पैदा चुनौतियां उसकी आर्थिक वृद्धि को प्रभावित कर सकती हैं. आईएमएफ ने हाल ही में जारी अनुमान में कहा है कि भारत की आर्थिक वृद्धि...
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जीएसटी लागू होने के झटके भी --- राजीव रंजन झा
मॉनसून सत्र में संसद में सबसे ठोस कार्य वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) विधेयक को पारित कराना है. हालांकि, राजनीतिक शोर-शराबे वाले मुद्दे अक्सर ही ठोस कार्य को दबा देते हैं, फिर भी उम्मीद है कि मोदी सरकार इस सत्र में जीएसटी पारित कराने में सफल हो सकती है. क्षेत्रीय दलों ने जीएसटी को समर्थन देने की घोषणा करके इस उम्मीद को संबल दिया है. तृणमूल कांग्रेस ने पहले...
More »इतना काफी नहीं कर्मचारियों के लिए --- वरुण गांधी
कमजोर सेवा और कम उत्पादकता के कारण आम आदमी ही नहीं, निवेशक भी हमारी नौकरशाही की व्यवस्था को लेकर अच्छी राय नहीं रखते। फिर भी, इस सच्चाई को अनदेखा कर दिया जाता है कि सरकारी कर्मचारी, खासतौर से ऊंचे दर्जे के कर्मी, निजी क्षेत्र के कर्मियों के मुकाबले कम वेतन पर काम करने को मजबूर हैं। मसलन, 25 साल का अनुभव रखने वाले सरकारी डॉक्टर को औसतन 2.1 से 2.8...
More »PM जन धन योजना के खातों के जरिए सफेद हो रहा काला धन!
एक दैनिक मजदूर के खाली पड़े बैंक अकांउट के इस्तेमाल 1 करोड़ रुपए तक के धन को ट्रांसफर करने के लिए किया जा रहा था। आयकर अधिकारियों की अचानक इस खाते पर नजर पड़ी तो वे चौंक गए। चिंता की बात यह है कि मामले का पता तब चला जब आयकर अधिकारियों ने पंजाब के मजदूर को नोटिस भेजा, जिसे इस लेन-देन के बारे में कोई खबर ही नहीं है।...
More »हिमालय का बिगड़ता मिजाज--- ममता सिंह
हिमालय की अनदेखी शुरू से ही हो रही है। बार-बार केंद्र पर निर्भर हिमालयी राज्यों का तंत्र हिमालय की गंभीरता और हिमालय से चल सकने वाली स्थायी जीवन शैली और जीविका को भी भुलाते जा रहे हैं। आयातित परियोजनाओं ने हिमालय में अतिक्रमण, प्रदूषण और आपदा की स्थिति पैदा कर दी है जिसके फलस्वरूप हिमालय टूट रहा है। हिमालय न केवल भारत, बल्कि दक्षिण एशिया के सभी देशों के लिए जल...
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