-सफ़ाई कर्मचारी आंदोलन द्वारा देश की राजधानी में आयोजित सम्मेलन अपने आप में एक ऐतिहासिक घड़ी थी. -सदियों से मैला उठाने वाला समाज अब टोकरी नहीं आवाज उठाना चाहता है, हाथ में झाड़ू नहीं किताब लेना चाहता है. -सरकार के झूठे वादों पर उम्मीद बांधने की बजाय अब इस समाज ने खुद मैलाप्रथा को खत्म करने की ठान ली है. आज भी कई लाख लोग अपने सर पर मैला उठाने को अभिशप्त हैं....
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बफर जोन बनाएं, कॉरिडोर बचाएं
बाघ बचाने के तमाम उपायों और कार्ययोजनाओं में से एक महत्वपूर्ण उपाय है राष्ट्रीय उद्यानों, अभयारण्यों एवं संरक्षित वनों के बाहर के क्षेत्र का संरक्षण। दुर्भाग्य से देश भर में यह नहीं हो रहा है। यहां सीधे-सीधे बाघ के वजूद और आदमी के स्वार्थों का टकराव है। राजनेता, खनन माफिया और अन्य स्वार्थी-लोभी तत्व ऐसे उपायों का विरोध करते हैं। बाघ की सुरक्षा के लिए बफर क्षेत्र उपयोगी है इसलिए टाइगर रिजर्व...
More »राजनीतिक हकीकत के छह सूत्र --- योगेन्द्र यादव
तो बिहार में क्या होगा? अगर आप छह दिन बिहार में घूम कर आयें तो दिल्ली में हर कोई इसी सवाल से आपका स्वागत करता है. सवाल के पीछे चुनावी सटोरिये की गिद्ध दृष्टि या फ़िर राजनीति के कीड़े की उत्सुकता तो होती ही है. लेकिन बिहार की बात निकलते ही कहीं एक औपनिवेशिक दर्प टपकने लगता है. आप कितना ही कह लीजिये कि राजनीतिक चेतना में बिहार अधिकांश देश से...
More »किसान अब जाएंगे संसद घेरने
बल्लभगढ़. प्रदेश सरकार की भूमि अधिग्रहण नीति के विरोध में 30 अगस्त से धरने पर बैठे पांच गांव के किसान अब 11 नवंबर को संसद का घेराव करेंगे। इससे पहले किसानों ने 27 अक्तूबर को जंतर मंतर पर धरना देने का फैसला किया था, लेकिन लोकसभा का शीतकालीन सत्र 9 नवंबर से शुरू होने के मद्देनजर उन्होंने इरादा बदल दिया। संसद घेराव को लेकर किसानों ने तैयारियां तेज...
More »राजस्थान में हक़ के लिए सत्याग्रह
राजस्थान में मज़दूर सामाजिक कार्यकर्ता अरुणा राय के नेतृत्व में 'हक़ सत्याग्रह' नाम से एक आंदोलन चला रहे हैं. वे कहते हैं कि भारत में लोकतंत्र के साहिब और श्रीमंत जब चाहे अपनी पगार बढ़ा लेते है लेकिन न्यूनतम मज़दूरी कब और कितनी बढ़े, इस पर कोई बात नहीं करता. ये मजदूर रथ यात्रा भी निकाल रहे हैं. राज्य में सरकार ने हाल में न्यूनतम मज़दूरी बढ़ा कर 135 रूपए कर दी...
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