दाउदनगर (औरंगाबाद) झारखंड के मजदूरों को राजनीति से कोई मतलब नहीं रह गया है। यहां जिनोरिया में कृषि कार्य करने पलामू और गढ़वा जिला से दर्जनों मजदूर आए है। उन्हे इससे भी कोई मतलब नहीं है कि झारखंड की राजनीति क्या हो रहा है। उन्हें बस अपने पेट की चिंता है। छतरपुर के रामपति भुईयां कहते है कि घर दुआर हइए नहीं है, खपरैल है, जैसे तैसे रहते है। चुआड़ी बनाकर बरसात का पानी पीते...
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पांच अनाथ बच्चों की कब बदलेगी किस्मत?
इंद्री, संवाद सहयोगी : पहले मां फिर पिता का साया उनके सिर से उठ गया। उम्र इतनी नहीं है कि वे अपने पैर पर खड़ा हो जाएं। इस दयनीय हालात में सरकारी अमले की कार्रवाई भी उन्हें राहत देने के बदले नुकसान पहुंचा रहा है। यह कहानी है गाव खेड़ा में रहने वाले पाच बच्चों की। वे तीनों अनाथ हैं। जिस बीपीएल कार्ड के कारण इस परिवार का पक्का मकान बना था, अब...
More »भूखे पेट ने रोका न्याय का रास्ता
भारत भूषण, कपूरथला; 'बाबू जी हमार बच्चों को खिलान-पिलान के लिए हमार पास कुछ नाहीं है। पापी पेटवा के खातिर हमें मजूरी करनी ही पड़ेगी।' यह दर्द भरे शब्द थे, गुंडों के हाथों मार खाए बैठी झुग्गी बस्ती की सदस्य बसंतो पासवान के। भूखे पेट और गरीबी ने बेइज्जत हुए इन लोगों को इस कदर मजबूर कर दिया है कि उन्हें घायल अवस्था में भी काम करने के अलावा और कोई चारा नहीं है। उल्लेखनीय...
More »निर्भर नहीं, आत्मनिर्भर !- मिहिर शाह
राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (नरेगा) क्रांतिकारी जनपक्षधर विकास कार्यक्रमों का वायदा करती है। ग्राम सभा और ग्राम पंचायतों द्वारा उसकी योजना, क्रियान्वयन और जांच-परख से हजारों स्थायी रोजगार पैदा हो सकते हैं। लेकिन नरेगा की लड़ाई बरसों से चले आ रहे एक बुरे अतीत के साथ है। पिछले साठ सालों से ग्रामीण विकास की योजनाएं राज्य की इच्छा और सदाशयता पर ही निर्भर रही हैं। श्रमिकों को दरकिनार करने वाली मशीनों और ठेकेदारों को काम...
More »भेंटवार्ता जोन पी मेंशे से- वकार अहमद सईद
नृत्त्वशास्त्र की अध्येता जॉन पी मेंशे से की गई यह भेटवार्ता फ्रंटलाइन से साभार ली गई है। प्रोफेसर जोन पी मेंशे नृत्तत्वशास्त्र की अध्येता हैं। उन्होंने बरसों तक सिटी यूनिवर्सिटी ऑव न्यूयार्क के ग्रेजुएट सेंटर और इसी यूनिवर्सिटी के लेहमान कॉलेज में अपने विषय का अध्यापन किया है। प्रोफेसर मोंशे सेकेंड चांस फाऊंडेशन नामक एक नॉट फॉर प्राफिट संस्था की अध्यक्ष भी हैं। यह संस्था भारत और संयुक्त राज्य...
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