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यह दाग अच्छा नहीं है-- आशुतोष चतुर्वेदी

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मुजफ्फरपुर में बालिका गृह में दुष्कर्म मामले में सीबीआइ जांच का उचित फैसला किया है, जिसे सराहा जाना चाहिए. इससे उनकी मंशा स्पष्ट होती है कि वह इस मामले में कुछ दबाना-छुपाना नहीं चाहते, जबकि बिहार पुलिस के बयानों से ऐसा लग रहा था कि वह सीबीआइ जांच के पक्ष में नहीं थी. कुछ दिन पहले ही बिहार के पुलिस...

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कर्नाटक के विनाश की नई राह-- रामचंद्र गुहा

यह 1989 की बात है जब मैं शिवराम कारंथ से उनके दक्षिण कर्नाटक स्थित गांव सालिग्राम में मिला था। आधुनिक कन्नड़ उपन्यास के जनक, यक्षगान जैसे प्राचीन नृत्य नाटक का पुनर्पाठ प्रस्तुत करने वाले, विधवा विवाह और स्त्री शिक्षा को बढ़ावा देने वाले शिवराम कारंथ उन दिनों अपने प्यारे पश्चिमी घाटों को विनाश से बचाने की मुहिम में जुटे थे। 80 साल की उम्र में भी वे खासे सक्रिय रहकर...

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गरीबी में गिरावट संतोषजनक--- अजीत रानाडे

अंतरराष्ट्रीय रूप से सुप्रसिद्ध ब्रूकिंग्स संस्थान की एक रिपोर्ट यह बताती है कि भारत में गरीबी में नाटकीय गिरावट आयी है. मई 2018 के आकड़े लिये जाएं, तो भारत में घोर दरिद्रता की स्थिति में रहनेवालों की संख्या 7.30 करोड़ है, जबकि नाइजीरिया में ऐसे लोगों की तादाद 8.70 करोड़ है. ऐसा पहली बार हुआ है कि अपनी जनसांख्यिक विशालता के बावजूद भारत में अत्यंत निर्धनों की संख्या विश्व में...

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गंभीर जलसंकट से गुजर रहा है भारत, प्रति वर्ष हो रही दो लाख की मौत

नयी दिल्ली : नीति आयोग ने कल जारी रिपोर्ट में कहा है कि भारत गंभीर जलसंकट से गुजर रहा है, स्थिति यह है कि लाखों लोगों की जिंदगी और उनके आजीविका पर संकट बना हुआ है. स्थिति यह है कि 600 मिलियन लोग गंभीर जलसंकट का सामना कर रहे हैं और 200,000 लोगों की प्रतिवर्ष शुद्ध जल के अभाव में मृत्यु हो जाती है. जल के उचित प्रबंधन और उपयोग...

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किसानों की हालत बदलनी होगी-- प्रो. योगेन्द्र यादव

पिछले दिनों एक उद्योगपति ने किसानों के बारे में बड़ी चौंकानेवाली बात कही. एक जमाने में इन्फोसिस की संस्थापक टीम के सदस्य रहे और आजकल भारतीय जनता पार्टी के नजदीक समझे जानेवाले उद्योगपति मोहनदास पई ने कहा कि देश में सिर्फ 16 प्रतिशत किसान हैं. उन्हें सिर्फ संख्या से मतलब नहीं था. वह एक राजनीतिक बात कह रहे थे कि देश में इतने छोटे से वर्ग को नाना प्रकार...

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