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बजट में दीर्घकालिक विकास के लिए रणनीति नहीं दिखाई देती- एम के वेणु

नरेंद्र मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला बजट न्यू इंडिया में कतार के आखिरी व्यक्ति के सशक्तीकरण की बातें तो खूब करता है, लेकिन यह इस सवाल का कोई जवाब नहीं देता है कि आखिर निवेश और उपभोग के दोहरे इंजन से चलने वाली विकास की गाड़ी में धक्का में लगाए बिना एक पूरी तरह वित्त पोषित कल्याणकारी राज्य को कैसे चलाया जाएगा? वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बातें...

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किसानों की आय बढ़ाने के लिए धान की फसल के हर हिस्से की मूल्यवृद्धि की ज़रूरत: स्वामीनाथन

नई दिल्ली: प्रख्यात कृषि वैज्ञानिक एमएस स्वामीनाथन ने कहा है कि किसानों की आय बढ़ाने के लिए अन्य उपायों के अलावा धान की फसल के हर हिस्से, डंठल से लेकर दाने तक का मूल्यवर्द्धन करने और इसके लिए जैव-पार्क स्थापित किए जाने की जरूरत है. डॉ स्वामीनाथन को उम्मीद है कि इस बार के आम बजट में सरकार इस दिशा में कुछ नई पहल कर सकती है. स्वामीनाथन ने आम बजट के...

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केंद्रीय सूचना आयोग ने रिज़र्व बैंक से बड़े क़र्ज़ डिफाल्टरों के नाम का खुलासा करने को कहा

नई दिल्ली: केंद्रीय सूचना आयोग (सीआईसी) ने भारतीय रिजर्व बैंक से कर्ज लौटाने में असफल बड़े कर्जदारों के नाम का खुलासा करने को कहा है. सीआईसी ने केंद्रीय बैंक को निर्देश दिया है कि उन कर्जदारों के नामों का वह खुलासा करे जिनके फंसे कर्ज खातों को उसने बैंकों के पास समाधान के लिए भेजा है. लखनऊ की सामाजिक कार्यकर्ता नूतन ठाकुर की अपील पर सीआईसी ने यह निर्देश दिया है....

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तीस लाख मतदाता चाहें भी तो इस चुनाव में मतदान नहीं कर सकते- आखिर क्यों, पढ़िए इस एलर्ट में !

‘वोट इंडिया वोट' के नारे के साथ एक सरकारी वेबसाइट पर लिखा है- ‘ मतदान प्रक्रिया में भाग लें, मतदाता होने पर गर्व महसूस करें.' लेकिन क्या कभी आपने सोचा कि भारत की एक बड़ी कामगार आबादी चाहे तो भी वोट नहीं कर सकती ? ऐसे कामगारों में एक नाम आता है ईंट भट्ठे के मजदूरों का ! इस बार ईंट भट्ठे पर काम करने वाले तकरीबन 30 लाख मजदूर अपने...

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बीते दस सालों में सात लाख करोड़ का क़र्ज़ बट्टे खाते में डाला गया, 80% मोदी सरकार में हुआ

नई दिल्ली: जहां एक तरफ सरकार करदाताओं के पैसों से बैंकों को पूंजी उपलब्ध करा रही है, वहीं दूसरी तरफ बैंक भारी मात्रा में लोन न लौटाने वालों के कर्ज को ठंडे बस्ते में डाल रहे हैं. आलम ये है कि बैंकों ने वित्त वर्ष 2018-19 के दौरान दिसंबर 2018 तक में ही 1,56,702 करोड़ रुपये के बैड लोन को राइट ऑफ (बट्टा खाते में डालना) किया है. इस हिसाब से रिजर्व...

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