मध्य प्रदेश में कमलनाथ सरकार एक साल बाद अब किसानों से किया वादा निभाने जा रही है। सरकार के आदेश पर मंदसौर आंदोलन के दौरान किसानों पर दर्ज केस वापस लेने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। ये मामले मध्य प्रदेश पुलिस ने शिवराज सिंह चौहान की अगुवाई वाली राज्य की पिछली भाजपा सरकार के दौरान किसानों के खिलाफ दर्ज किए थे। मध्य प्रदेश कांग्रेस के आधिकारिक हैंडल से किए गए...
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विपक्षी धारा का आधारहीन हो जाना-- बद्री नारायण
भारतीय राजनीति में विपक्ष लगातार कमजोर होता जा रहा है। इसे हमें राजनीतिक दलों और उनके नेतृत्व के हिसाब से ही नहीं, इन दलों के सामाजिक आधार के हिसाब से भी देखना होगा। विपक्ष में रहने की आदत और चाहत समाज के आगे बढ़े हुए तबकों में तो कमजोर हुई ही है, गरीबों और पिछड़ों आदि को भी लगातार विपक्ष में बने रहना उनके अस्तित्व के लिए मुश्किल लगता है।...
More »इस फसल को चाहिए नई बहार- हरजिंदर
बरसों से वे हमारे दरवाजे पर खड़ी थीं और हम कोई फैसला नहीं कर सके, वही जीएम या जेनेटिकली मॉडिफाइड फसलें अब जब पिछले दरवाजे से हमारे घर में घुस आई हैं, तो हम परेशान हैं कि इसका करें क्या? वैसे इसे रोकने के बाकायदा नियम-कानून हैं। पर्यावरण संरक्षण कानून के तहत ऐसे लोगों के लिए पांच साल की कैद और एक लाख रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान है,...
More »हरियाणा के 11 गांवों के लिए ‘राक्षस’ बना पानी, लोग इच्छा मृत्यु को तैयार
जींद : भाखड़ा नहर से साफ पानी की मांग को लेकर 20 जून से धरने पर बैठे 11 गांवों के किसान अब इच्छामृत्यु करना चाहते हैं. क्योंकि उन्हें लगता है कि जहरीला पानी तो वैसे भी उन्हें मार रहा है और सरकार उन्हें पीने और सिंचाई के लिए साफ पानी देना नहीं चाहती. इसके लिए वो अर्धनग्न विरोध से लेकर सिर तक मुंड़वा चुके हैं. इन गांव के लोगों ने पंजाब...
More »कम नहीं चुनाव आयोग की शक्तियां- नवीन चावला
भारत में जाति पर बहस राजनीतिक परिणामों की एक निर्धारक है। यह वर्ष 2019 के आम चुनाव सहित भारत में तमाम चुनावों की एक रोचक विशिष्टता है। यह ऐसी निर्धारक है कि मतदाताओं के बीच अति लोकप्रिय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी चुनाव अभियान में अपनी जातिगत पहचान बतानी पड़ती है। उत्तर और केंद्रीय भारत की ज्यादातर क्षेत्रीय पार्टियों को किसी जाति या बिरादरी विशेष के लिए पहचाना जाता है।...
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