रायपुर(छत्तीसगढ़)। धान की ज्यादा पैदावारी की होड़ में एक ओर किसान अब उन्नत और हाइब्रिड किस्म को अपना रहे हैं। वहीं दूसरी ओर किसानों की एक समिति ने देशी धान की किस्मों को सहेजने की अनूठी मिसाल पेश की है। ये किसान धुर नक्सल और आदिवासी अंचल कोंडागांव जिले के छोटे से गांव गोलाबण्ड के हैं, जिन्होंने धान की 257 देशी किस्मों को स्थानीय तरीके से सहेजा है। इसमें काटा मेहर,...
More »SEARCH RESULT
मॉनसून के दौरान अल्प वृष्टि से निपटने को तैयार है सरकार
नयी दिल्ली : मॉनसून के इस वर्ष सामान्य से कम रहने के अनुमानों की आशंका को देखते हुए केंद्र सरकार ने गुरुवार को कहा कि वह कम बरसात की हालात से उत्पन्न होनेवाली स्थितियों से निपटने के लिए हर संभव कदम उठा रही है तथा राज्य सरकारों को भी इस मामले में चौकस रहने को कहा है. हालांकि, मॉनसून के अपने निर्धारित समय से दो दिन पहले केरल तट पर...
More »कृषि क्षेत्र की लगातार उपेक्षा- पवन के वर्मा
सरकार की आर्थिक दृष्टि औद्योगिक गलियारों, राजमार्गों, बुलेट ट्रेनों और स्मार्ट शहरों तक ही सीमित है. भारत को इनकी जरूरत है, लेकिन सरकार एकतरफा ढंग से उस भारत को छोड़ इन लक्ष्यों के पीछे नहीं भाग सकती है जहां आत्महत्याओं की संख्या और लोगों की तकलीफें बेतहाशा बढ़ रही हैं. भाजपा को याद करना चाहिए कि सर्वाधिक 18,241 आत्महत्याएं 2004 में हुई थीं, जब पार्टी ‘शाइनिंग इंडिया' की बात करती...
More »कारपोरेट खेती से किसका भला होगा- सुभाषचंद्र कुशवाहा
मानो फसलों की बर्बादी और किसानों की आत्महत्या ही काफी न हो, अब एसोचैम ने शोध प्रस्तुत किया है कि कॉरपोरेट और ग्रुप फार्मिंग ही छोटे किसानों को आपदाओं से बचाएगी। एसोचैम किसानों को राहत देने के पक्ष में नहीं है। उसकी मंशा कंपनियों को राहत देने की है। उसके मुताबिक, किसानों की जमीन औने-पौने दामों में कॉरपोरेट को सौंप देनी चाहिए। उसका मानना है कि कृषि ऋण लगातार बढ़ाने...
More »अदूरदर्शी नीतियों से बदहाल किसान - रमेश दुबे
भूमि अधिग्रहण अध्यादेश के खिलाफ आम आदमी पार्टी की जंतर-मंतर पर आयोजित रैली के दौरान एक किसान की खुदकुशी दुर्भाग्यपूर्ण है। इससे भी बड़े दुर्भाग्य की बात यह है कि खेती-किसानी की बदहाली पर संजीदा होने के बजाय सभी पार्टियां सियासी रोटी सेंकने में जुट गई हैं। जहां 'आप" दिल्ली पुलिस के बहाने केंद्र सरकार पर दोषारोपण कर रही है, वहीं कुछ भाजपा विरोधी कह रहे हैं कि यदि राजस्थान...
More »