कल रात एक छोटा-सा वीडियो देखा, कुछ ही मिनट का रहा होगा. इस वीडियो में महाराष्ट्र के जालना जिले का एक किसान अपने खेत में लगी गोभी की फसल को तहस-नहस कर रहा है. किसान का नाम है- प्रेमसिंह लखीराम चव्हाण. कहानी यह है कि खरीफ में कपास की फसल बरबाद होने के बाद प्रेमसिंह ने अपने खेत में टमाटर और गोभी लगाये. लेकिन, जब चार क्विंटल टमाटर बाजार...
More »SEARCH RESULT
'भारत' वाला बजट, इंडिया वाला नहीं-- संदीप बामजई
उपकार फिल्म का एक गाना है- मेरे देश की धरती सोना उगले उगले हीरा मोती... आम बजट 2018-19 पूरी तरह से इस गाने के सच को पूरा करनेवाला लगता है. यह बजट कृषि और ग्रामीण क्षेत्र के विकास के लिए अपनी प्रतिबद्धता दर्शाता है. यानी यह बजट 'भारत' को ज्यादा तरजीह देनेवाला बजट है, 'इंडिया' को कम. ग्रामीण भारत के लिए, गरीब परिवारों के स्वास्थ्य के लिए, राष्ट्रीय राजमार्गों के...
More »आर्थिक सर्वेक्षण : जलवायु-परिवर्तन से 25% तक घट सकती है किसान की आय
किसान की आमदनी साल 2022 तक दोगुनी करने के सरकार के वादे की राह में बड़ी बाधा जलवायु-परिवर्तन बन सकता है. नये आर्थिक सर्वेक्षण के तथ्य बताते हैं कि अगले कुछ सालों में जलवायु-परिवर्तन की वजह से खेतिहर आमदनी में 25 फीसद तक की कमी आ सकती है. आर्थिक सर्वेक्षण में शामिल जलवायु-केंद्रित अध्याय के मुताबिक किसी साल औसत तापमान के 1 डिग्री सेल्सियस अधिक रहने पर सिंचाई की सुविधा से वंचित इलाकों में...
More »बजट : जीडीपी का एक फीसद से भी कम खर्च हुआ है कृषि और ग्रामीण विकास पर
खेती-किसानी और ग्रामीण विकास पर सरकार कितना खर्च करती है- क्या बजट से पहले यह सवाल आपको अहम जान पड़ता है ? सवाल का एक उत्तर मिल सकता है देश महत्वपूर्ण मंत्रालयों के वास्तविक खर्च के आंकड़ों से. अनुमान लगाइए कि बीते छह सालों में कृषि मंत्रालय और ग्रामीण विकास मंत्रालय का वास्तविक व्यय कितना रहा होगा ? इन्क्लूसिव मीडिया फॉर चेंज टीम का शरुआती आकलन है कि इन दोनों...
More »आर्थिक विषमता के बीच विकास का सच-- राजकुमार सिंह
एक और गणतंत्र दिवस के जश्न की तैयारी। विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र भारत की शक्ति और शौर्य का राजपथ पर शानदार प्रदर्शन होगा। हमेशा की तरह भारतवासी तो इसके साक्षी बनेंगे ही, अंतर्राष्ट्रीय संगठन आसियान के दस सदस्य देशों के राष्ट्र प्रमुख भी इस मौके पर खास मेहमान होंगे। बेशक स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस हमारे राष्ट्रीय पर्व हैं। हमें इन्हें समारोहपूर्वक मनाना ही चाहिए। अपनी उपलब्धियों पर गर्व...
More »