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प्याज बचाने के लिए किसान ने बनाया देसी कोल्ड स्टोरेज

इंदौर। जिस प्याज के गिरते-चढ़ते भावों से राजनीतिक दलों की कुर्सी हिलने लगती हैं और सरकार की सांसें ऊपर-नीचे होती हैं, उसी प्याज को सड़ने से बचाने के लिए एक आम किसान ने जुगाड़ का कोल्ड स्टोरेज बना डाला। करोड़ों के कोल्ड स्टोरेज से इतर यह देसी कोल्ड स्टोरेज मात्र 35 हजार स्र्पए में तैयार हो गया। मेड इन सेमलिया चाऊ।   इंदौर जिले के सेमलिया चाऊ गांव के युवा किसान रंजनजसिंह...

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खेती का खेल निराला मेरे भइया- राजेन्द्र तिवारी

देश के करीब 75 फीसदी परिवार कृषि क्षेत्र पर निर्भर हैं. देश की लगभग 70 प्रतिशत गरीब आबादी (विश्व बैंक के मुताबिक 77 करोड़ लोग) गांव में बसती है. लेकिन देश के जीडीपी में कृषि का हिस्सा लगातार गिरता जा रहा है.  50 के दशक में कृषि की हिस्सेदारी हमारी जीडीपी में 50 फीसदी से ज्यादा थी, 90 के दशक में यह 20 से 30 फीसदी रह गया और 2013-14...

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मध्‍यप्रदेश में उन्नति ऐप से बनेगी बैगाओं की कुंडली

बालाघाट(मध्‍यप्रदेश)। एकीकृत दृष्टिकोण के माध्यम से नक्सली क्षेत्रों में निवासरत राष्ट्रीय मानव दर्जा प्राप्त आदिवासी बैगाओं के उत्थान के लिए अब 'उन्नति' का सहारा लिया जाएगा। दरअसल, बैगाओं का विकास करने के लिए कलेक्टर ने एक उन्नति नामक एड्राइंड ऐप तैयार किया है। जिसमें बैगाओं का सर्वे कराकर उनकी सारी कुडंली तैयार की जाएगी। बालाघाट के तीन आदिवासी अंचल बिरसा, बैहर, परसवाड़ा जपं के बैगाओं का सर्वे कर उनकी वर्तमान स्थिति...

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किसान आत्महत्या का अधूरा सच- देविन्दर शर्मा

गुलाबी तस्वीर पेश करने की तमाम कोशिशों के बावजूद राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड्स ब्यूरो (एनसीआरबी) के किसान आत्महत्या संबंधी 2014 के आंकड़े कृषि के स्याह पक्ष को ही सामने लाते हैं। वर्ष 2014 में 12,360 किसानों की आत्महत्या का सीधा अर्थ है कि हर 42 मिनट में देश में एक किसान ने आत्महत्या की। हालांकि एनसीआरबी ने किसानों की आत्महत्या के आंकड़े को दो श्रेणियों-किसानों एवं कृषि मजदूरों, में बांटने का साहसिक...

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कहां है सुधारों की अगली खेप-- रामचंद्र गुहा

सन 2009 के आम चुनाव के ठीक बाद मैंने बेंगलुरु में एक भाषण सुना, जो नई सरकार के लिए नीतियों के नए रोडमैप पर था। वक्ता थे राकेश मोहन, जो उद्योग व वित्त मंत्रालय में वरिष्ठ पदों पर रह चुके थे और उस वक्त रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर थे। राकेश मोहन का कहना था कि आर्थिक सुधारों की पहली लहर ने व्यापार को सरकारी नियंत्रण से बाहर निकाला और...

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