किसान हमें ऐसे याद आता है, जैसे कोई दूर का गरीब रिश्तेदार. हम जानते हैं वह कहीं है, लेकिन मुलाकात कभी खुशी-गमी के मौके पर ही होती है. अंकल जी की मौत का रस्मी अफसोस तो कर लेते हैं, लेकिन यह नहीं पूछते कि तुम्हारी जिंदगी कैसे चल रही है. सवाल नहीं पूछते, चूंकि हम उत्तर नहीं सुनना चाहते. शहरों में रहनेवाले भारत की किसान से मुलाकात किसी बुरी खबर...
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भूख से मौत : गरीबी से परेशान होकर घर से निकला था अधेड़
बिलासपुर/पेंड्रा (निप्र)। पेंड्रा में भूख से मृत अधेड़ की पहचान हो गई है। वह मस्तूरी का रहने वाला था और गरीबी से तंग आकर घर से निकला था। विधायक अमित जोगी के निर्वाचन क्षेत्र पेंड्रा में भी भूख से अधेड़ की मौत का मामला सामने आया है। भूख से अधेड़ की मौत होने के बाद प्रशासनिक अमले में हड़कंप मच गया है। शनिवार को पुलिस ने मृतक की पहचान भी कर...
More »छत्तीसगढ़ में 25 फीसदी महिलाओं का घर में ही कराया जाता है प्रसव
रायपुर। छत्तीसगढ़ में प्रसव की वेदना झेल रहीं करीब महिलाओं को सुरक्षित प्रसव के लिए अस्पताल की सुविधा नहीं मिल पा रही है। राज्य में पिछले एक साल में तीन लाख 14 हजार से अधिक प्रसव हुए। इनमें से 80 हजार 591 महिलाओं की डिलिवरी अस्पताल में न होकर घर में हुई। सरकारी भाषा में इसे गैर संस्थागत प्रसव कहा जाता है। छत्तीसगढ़ में यह स्थिति ऐसे समय पर है, जब...
More »महिलाओं के विसरा में नहीं मिला कोई जहर
रायपुर। छत्तीसगढ़ स्टेट फॅरेंसिक साइंस लेबोरेटरी (एसएफएसएल) ने बिलासपुर पेंडारी नसबंदी कांड में मृत 13 में से 5 महिलाओं के विसरे की जांच कर रिपोर्ट बिलासपुर पुलिस को सौंप दी है। जांच में जहर नहीं पाया गया है। यानी मौत का कारण जहर नहीं है। अब सवाल यह उठ रहा है कि मौत का कारण क्या है? उल्लेखनीय है कि बिसरा जांच को फॅरेंसिक साइंस की फाइनल रिपोर्ट मानी जाती है।...
More »किसने मारा उन 42 लोगों को? - सुधांशु रंजन
हाशिमपुरा मामले में जीवित बचे सभी 16 अभियुक्तों की निचली अदालत द्वारा हुई रिहाई ने भारत की न्याय व्यवस्था पर एक गंभीर सवाल खड़ा किया है। लगभग 28 वर्षों के इंतजार के बाद मृतकों के परिजनों को जोर का झटका लगा, जब संदेह का लाभ देते हुए अदालत ने अभियुक्तों को बरी कर दिया। घटना 22 मई 1987 की है, जब मेरठ के हाशिमपुरा से प्रांतीय सशस्त्र बल (पीएसी) के...
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