बात 13 जुलाई (2016) की है। कश्मीर की सड़कों पर सुबह से कर्फ्यू लगा था। बीच-बीच में कश्मीर की ‘आजादी' के नारे गूंजने लगते फिर उन्हें शांत करने के लिए आंसू गैस छोड़ी जाती। इस सबके बीच मेरा एक साल का बेटा सोने की कोशिश कर रहा था। उस देखकर मुझे मेरा बचपन याद आ गया। लगभग 30 साल पहले की बात है। वह 85वां शहीदी दिवस था। सड़कों पर...
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रोज बीस मिनट देकर पाएं संपूर्ण स्वास्थ्य-- सुनील सिंह
मुझे क्रिकेट खेलने के दौरान पीठ में चोट लग गई। डॉक्टर ने कहा कि अब शेष जीवन बिस्तर पर बिताना पड़ेगा। किसी ने योग करने की सलाह दी। मेरे दादाजी योगासन करते थे। उनसे मैंने सीखा और बिल्कुल ठीक हो गया। फिर 1985 में धीरेंद्र ब्रह्मचारीजी के आश्रम में योग सीखने गया। वहां 10 हजार युवक आए थे, जिनमें से 50 लोगों का चयन हुआ, उनमें मैं भी था। वहां...
More »बैंक ने कराई कर्ज वसूली की मुनादी, किसान ने दे दी जान
होशंगाबाद,ब्यूरो । बनखेड़ी के तिनसरी गांव में सहकारी समिति का एक लाख 86 रुपए कर्ज होने और सहकारी बैंक द्वारा कर्ज वसूली के लिए गांव में मुनादी कराकर नाम सार्वजनिक करने तथा तहसीलदार द्वारा कुर्की का नोटिस जारी करने से परेशान एक किसान ने शुक्रवार की रात जहर खाकर आत्महत्या कर ली। द बनखेड़ी तहसील के तिनसरी गांव के किसान नेत सिंह (47) ने शुक्रवार की रात कीटनाशक पीकर आत्महत्या कर...
More »विवादों के जाल में मछुआरे-- पंकज चतुर्वेदी
पिछले दिनों भारत की दो नौकाओं और कोई दस मछुआरों को पाकिस्तान की समुद्री पुलिस ने पकड़ लिया, कहा गया कि वे उनके देश की सीमा में घुस आए थे। उसके दो दिन बाद ही कच्छ में बीएसएफ ने पाकिस्तान के अठारह मछुआरे पकड़े। कहा गया कि ये भारतीय सीमा में चौंतीस किलोमीटर भीतर घुस आए थे। पाकिस्तान के थट्टा जिले के शाहपुर ब्लाक के चचा जानखां गांव के इन...
More »शुक्ल जी न होते, तो चंपारण की दुर्दशा नहीं देख पाते महात्मा गांधी
बिहार में महात्मा गांधी के आने की जब भी चर्चा होगी, वहां राजकुमार शुक्ल भी खड़े मिलेंगे. वह न होते तो शायद चंपारण के किसानों की दुर्दशा गांधी के बरास्ते दुनिया नहीं देख पाती. गांधी के सत्याग्रह के प्रयोग का हमसफर रहे राजकुमार शुक्ल का जन्म 23 अगस्त, 1875 को चंपारण जिला के लौरिया थाना के सतवरिया नामक गांव में हुआ था. इनके पिता कोलाहल शुक्ल थे. उन दिनों निलहों...
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