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पहले कर्फ्यू और अब लॉकडाउन, जम्मू-कश्मीर के सेब, केसर और चेरी किसानों का क्या होगा?

-गांव कनेक्शन, "सेब के पेड़ों के बीच ही बड़ा हुआ हूं। जब से जानने लायक हुआ, तब से यही काम कर रहा हूं। हमारी कई पीढ़ियां इसी में खप गईं। नुकसान तो पिछले साल से ही हो रहा है, क्या करें, कुछ और कर भी तो नहीं सकते। हमारी किस्मत में यही सब लिखा है," जम्मू कश्मीर के जिला कुपवाड़ा में रहने वाले इम्तियाज यारू (55) कहते हैं। लॉकडाउन की वजह...

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कोरोना के प्रकोप से बचने के लिए 'वर्क फ्रॉम होम' जैसे उपाय भारतीय श्रमिकों के लिए नहीं हैं मददगार

साल 2020 से पर्दा उठते ही इसके शुरुआती जनवरी महीने में चीन जैसी महाशक्ति को COVID-19 के व्यापक प्रकोप से झूझते हुए पाया, जोकि कुछ दिनों के भीतर ही वैश्विक स्तर पर फैल गया. COVID-19 की तीव्र प्रसार क्षमता के अध्ययन के बाद, स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने बाकी की आबादी के बीच तेजी से इसके प्रसार को रोकने के लिए कुछ तरीके सुझाए हैं. स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने इंटरनेट कनेक्टिविटी के युग...

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तटीय किसान, दमदार घास ‘खसखस’ से दौलत कमा रहे हैं

-विलेज स्कवायर, चंद्रशेखर का खेत खारी हवा और लहरों की आवाज़ के बीच, बंगाल की खाड़ी के तट से सिर्फ 50 मीटर दूर है। पुदुचेरी के नरमाई गाँव के चंद्रशेखर (60) दो दशक से ज्यादा समय से यहाँ खेती कर रहे हैं। पहले वे कैसुआरिना और नारियल के पेड़ उगाते थे। चंद्रशेखर बताते हैं – “कैसुआरिना के पेड़ हमें हर छह या सात साल में उपज देते हैं और इस तटीय क्षेत्र...

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भारत में बीटी कॉटन पर किसान कर रहे ज्यादा खर्च : अमेरिकी अनुसंधानकर्ता

-आउटलुक, अमेरिकी अनुसंधानकर्ता का कहना है कि भारतीय किसान जेनेटिकली मॉडिफाइड (जीएम) बीटी कॉटन के लिए बीज, उर्वरकों और कीटनाशकों पर ज्यादा पैसे खर्च कर रहे हैं जो चिंताजनक है। अमेरिका के वॉशिंगटन यूनिवर्सिटी के अनुसंधानकर्ता ग्लेन डेविस स्टोन ने कहा कि भारत में अब किसान बीज, उर्वरक और कीटनाशक पर अधिक खर्च कर रहे हैं। स्टोन ने कहा कि हमारा निष्कर्ष है कि बीटी कॉटन का प्राथमिक प्रभाव यह होगा कि...

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मंदी की मार पहुंची किसान के द्वार

राष्ट्रीय सांख्यकीय कार्यालय ने जब वित्त वर्ष 2019-20 के लिए सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का पूर्वानुमान जारी किया तो सामान्य मॉनसून के रूप में किसानों के अति आशावाद का बुलबुला फूट गया. भारत में चालू वित्त वर्ष में पांच प्रतिशत जीडीपी का विकास होगा. यह विकास दर 11 साल में सबसे कम है. साल 2018-19 में जीडीपी की विकास दर 6.8 प्रतिशत थी. अर्थव्यवस्था के सभी क्षेत्र मंदी का सामना कर...

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