2010 तो इतिहास बनने जा रहा है. मैं सशंकित हूं कि क्या नया साल किसानों के लिए कोई उम्मीद जगाएगा? अनेक वर्षो से मैं नए साल से पहले प्रार्थना और उम्मीद करता हूं कि कम से कम यह साल तो किसानों के चेहरे पर मुस्कान लाएगा, किंतु दुर्भाग्य से ऐसा कभी नहीं हुआ. साल दर साल किसानों की आर्थिक दशा बद से बदतर होती जा रही है. साथ ही कृषि भूमि...
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22 वैज्ञानिक, 10 करोड़, रिजल्ट 0
रायपुर। छत्तीसगढ़ विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद (सीकॉस्ट) की केंद्रीय प्रयोगशाला तीन साल में एक भी प्रोजेक्ट पूरा नहीं कर सकी। 10 करोड़ के उपकरण और 22 वैज्ञानिकों की मेहनत का कोई नतीजा अब तक सामने नहीं आया है। प्रयोगशाला की स्थापना वर्ष 2007 में की गई। परिषद में 22 वैज्ञानिकों की टीम काम कर रही है। प्रयोगशाला में 10 करोड़ से भी ज्यादा के शोध उपकरण हैं। इनमें 50 लाख कीमत...
More »हरियाणा और पंजाब से लेना होगा सबक
चंडीगढ़ [भारत डोगरा]। आज से चार-पांच दशक पहले हरित क्रांति के नाम पर भारतीय कृषि में बड़े बदलाव हुए तो इनका सबसे बड़ा केंद्र पंजाब, हरियाणा, पश्चिमी उत्तर प्रदेश की उपजाऊ पट्टी को बताया गया, जहां पानी की भी कोई कमी नहीं थी। इस क्षेत्र को भारत के खाद्यान्न कटोरे के रूप में विकसित करने पर बहुत निवेश हुआ और सिंचाई, रासायनिक खाद आदि व इनसे जुड़ी सब्सिडी का अधिकांश खर्च...
More »हुजूर, कुछ तो फिक्र कीजिए
लखनऊ [स्वदेश कुमार]। उत्तरप्रदेश की इस हकीकत पर जरा नजर डालिए। भूजल स्तर से तेजी से नीचे जा रहा है। वैज्ञानिकों का मानना है कि अगर जिलों में भूगर्भ जल का स्तर 15 मीटर के नीचे चला गया तो वहा का हर पौधा मर जायेगा। वर्तमान में 40 जिलों के 138 विकास खंड ऐसे हैं, जहा पानी का संकट गहरा चुका है। तमाम नये विकास खंड भी पानी संकट की ओर...
More »पानी के लिए कोई नहीं पानी-पानी
पटना पानी चीज ही अजीब है। पानी चढ़ता है, उतरता है..पानी जमता है। टंकी पर चढ़ने वाला पानी कभी सिर पर भी चढ़ जाता है। पानी से आदमी पानी-पानी भी होता है। लेकिन सूबे में जल संचयन के लिए बने कानून को लागू करने में प्रशासन खुद पानी-पानी है। यही वजह है कि अब तक सख्ती से यह लागू नहीं हो सका है और भूजल-वाटर रिचार्ज...
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