कठुआ और उन्नाव में जो कुछ भी हुआ, वैसी घटनाओं पर हमारे समाज को कैसी प्रतिक्रिया देनी चाहिए! विश्वभर में भारत इस बात को लेकर बदनाम है कि यहां यौन हिंसा के कारण महिलाएं अौर बच्चे असुरक्षित हैं. और, अगर यह सच नहीं है, तब भी ऐसी सोच बन चुकी है. ईमानदारी से खुद के भीतर झांकने और यह पूछने के लिए हमें विदेशी मीडिया का सहारा नहीं लेना चाहिए,...
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कमजोर वर्ग के बच्चों की श्रेणी कैसे बदल सकता है स्कूलः हाई कोर्ट
नई दिल्ली। आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) के बच्चों की श्रेणी सामान्य में बदलकर उन्हें फीस देने पर ही दाखिला लेने पर मजबूर करने की बात संज्ञान में आने पर दिल्ली हाई कोर्ट ने पूरी प्रक्रिया पर सवाल खड़ा कर दिया। दो डीएवी पब्लिक स्कूल के खिलाफ दायर याचिका पर कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश गीता मित्तल व न्यायमूर्ति सी हरिशंकर पीठ ने दिल्ली सरकार से पूछा कि कैसे एक निजी...
More »जस्टिस चेलमेश्वर ने शांति भूषण की PIL पर सुनवाई से किया इनकार, कहा यह देश अपना रास्ता खुद तय करेगा
नयी दिल्ली : न्यायमूर्ति चेलमेश्वर ने विभिन्न पीठों को मामले आवंटित करने पर दिशा - निर्देश तय किये जाने की पूर्व कानून मंत्री की अपील को सूचीबद्ध करने का आदेश देने में असमर्थता जतायी है. न्यायमूर्ति चेलमेश्वर ने अपने आदेश में कहा, मैं शांति भूषण की याचिका पर सुनवाई नहीं करना चाहूंगा , इसके कारण एकदम स्पष्ट हैं . कोई लगातार मेरे खिलाफ अभियान चला रहा है जैसे मानो मुझे...
More »आधार के नाम पर पेंशन वितरण में देरी नहीं हो: सीआईसी
केंद्रीय सूचना आयोग (सीआईसी) ने मंगलवार को कहा कि ‘आधार' जोड़ने के नाम पर वरिष्ठ नागरिकों को पेशन में भुगतान में देरी नहीं होनी चाहिए। सूचना आयुक्त श्रीधर आचार्युलू ने यह व्यवस्था अहमदनगर निवासी निर्मला निशिकांत धुमाने की याचिका पर दी। धुमाने जानना चाहती थीं कि डाक विभाग ने मार्च 2017 से उसकी पेंशन आधार कार्ड की प्रति मांगते हुए क्यों रोक रखी है। एक अन्य आवेदन में उन्होंने उन...
More »दलितों की नहीं, वोट बैंक की फिक्र - प्रदीप सिंह
जहां व्यक्तियों के निजी स्वार्थ बहुत महत्वपूर्ण हों और समाज का कोई स्वार्थ न हो, वहां अंतर्कलह होना कोई अनहोनी बात नहीं है। यह बात आज की राजनीतिक परिस्थिति पर सटीक बैठती है। राजनीतिक दलों के स्वार्थ समाज और देश के हित पर भारी पड़ रहे हैं। राजनीतिक दलों की आपसी प्रतिद्वंद्विता/प्रतिस्पर्द्धा स्वस्थ लोकतंत्र के लिए अच्छी भी है और जरूरी भी। संसदीय जनतंत्र में विपक्ष की भूमिका बड़ी अहम...
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