जब केंद्र सरकार ने अनुच्छेद 370 को खत्म कर दिया, तब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में नए युग की शुरुआत हो चुकी है। वैसे जम्मू-कश्मीर के इतिहास में यह कोशिश इतनी नई भी नहीं है। इंदिरा गांधी भी कश्मीर में यथास्थिति बदलना चाहती थीं। इस राज्य के विशेष दर्जे को खत्म करने के निर्णय को सही ठहराते हुए मोदी सरकार ने नई व्यवस्था के तहत कश्मीर...
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जानें क्यों जंगलों में बीज बम फेंक रहे हैं ये युवा-- त्रिलोचन भट्ट
पहाड़ों में वन्य जीवों के कारण खत्म होती खेती को बचाने के लिए यहां के कुछ युवाओं ने एक अभिनव प्रयास शुरू किया है और इसे नाम दिया है ‘बीज बम'। इस प्रयास को पूरे पर्वतीय क्षेत्र में लोगों की आदतों में शामिल करके इसे एक आंदोलन का रूप देने की तैयारी में जुटे ये युवा फिलहाल आगामी 25 से 31 जुलाई तक पूरे उत्तराखंड और कुछ अन्य राज्यों...
More »पूर्वोत्तर की भीतरी और बाहरी विडंबनाएं- रामचंद्र गुहा
विडंबना और शायद त्रासदी यह है कि हमारे देश के सबसे खूबसूरत हिस्से संघर्ष और हिंसा से सबसे ज्यादा ग्रस्त हैं। इसमें कश्मीर घाटी, मध्य भारत (विशेषकर बस्तर) के जंगल, और पूर्वोत्तर के राज्य शामिल हैं। मानवशास्त्री वेरियर एल्विन की धारा का अनुकरण करते हुए 1990 के दशक में मैंने पूर्वोत्तर का दौरा किया था। एल्विन इंग्लैंड में जन्मे और पढ़े-लिखे थे, युवा वय में भारत आए, तो फिर नहीं...
More »अगली सरकार की बड़ी चुनौतियां -- अनिल गुप्ता
इस समय जब लोकसभा चुनाव की प्रक्रिया लगभग खत्म होने को है, तब अनेक मंत्रालयों को उन कार्यों की सूची बनाने के लिए कहा जाना चाहिए, जिनको भावी सरकार द्वारा पहले 100 दिनों में शुरू या पूरा कर लेना चाहिए। जो भी सरकार केंद्र की सत्ता में आए, उसे यह दिखाना होगा कि सामाजिक प्रभाव उसकी प्राथमिकता है। हम अभी मई के महीने में हैं और जून की शुरुआत या...
More »कम नहीं चुनाव आयोग की शक्तियां- नवीन चावला
भारत में जाति पर बहस राजनीतिक परिणामों की एक निर्धारक है। यह वर्ष 2019 के आम चुनाव सहित भारत में तमाम चुनावों की एक रोचक विशिष्टता है। यह ऐसी निर्धारक है कि मतदाताओं के बीच अति लोकप्रिय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी चुनाव अभियान में अपनी जातिगत पहचान बतानी पड़ती है। उत्तर और केंद्रीय भारत की ज्यादातर क्षेत्रीय पार्टियों को किसी जाति या बिरादरी विशेष के लिए पहचाना जाता है।...
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