हमारे देश की नींव दो लोगों के कंधे पर खड़ी है, इनमें प्रथम जवान हैं दूसरे किसान हैं। पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री ने नारा दिया था- जय जवान, जय किसान। वर्तमान सरकार के पिछले 18 महीने के कार्यकाल में कृषि के क्षेत्र को बहुत ही बेरहमी से कुचला गया है। कृषि भारतीय अर्थव्यस्था की रीढ़ है। न केवल जीडीपी में इसका 16 प्रतिशत का योगदान है, बल्कि लगभग 50...
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जलवायु परिवर्तन का नतीजा हैं ये त्रासदियां-- अभय कुमार
राजधानी चेन्नै और तमिलनाडु के अन्य हिस्सों में भारी बारिश का सिलसिला जारी है. इस महानगर के हालिया इतिहास में वर्षा का यह स्तर अभूतपूर्व है. आम तौर पर तमिलनाडु में वर्ष के इन महीनों में तेज बारिश होती है. इसका कारण उत्तर-पूर्वी मॉनसून है जिसे वापस लौटता हुआ दक्षिण-पश्चिम मॉनसून भी कहा जाता है. हिमालय से आती ठंडी हवाएं बंगाल की खाड़ी से नमी पाती हैं और दिसंबर से...
More »दूसरे देशों को स्किल दीजिए -- भरत झुनझुनवाला
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत एक विश्व शक्ति के रूप में उभर रहा है. जरूरत है कि इस प्रयास को ठोस नींव पर खड़ा किया जाये. इस दिशा में देश की आर्थिक हालत आड़े आ रही है. दूसरे देशों को पूर्व में दिये गये आश्वासनों को हम पूरा नहीं कर पा रहे हैं. संसद की विदेश मंत्रालय की स्टैंडिंग कमेटी के समक्ष दिसंबर 2014 में बताया गया था...
More »अन्न की बर्बादी और भूख-- रविशंकर
हर साल देश में करीब पचास हजार करोड़ रुपए का अनाज बर्बाद हो जाता है। एक ऐसे देश में जहां करोड़ों की आबादी को दो जून ठीक से खाना नहीं नसीब होता, वहां इतनी मात्रा में अनाजों की बर्बादी किस तरह की कहानी कहती है? इसकी पड़ताल कर रहे हैं रविशंकर। यह विडंबना नहीं, उसकी पराकाष्ठा है कि सरकार किसानों से खरीदे गए अनाज को खुले में छोड़कर अपना कर्तव्य पूरा...
More »सब्सिडी नहीं बन सकती अस्तित्व का आधार : अरुण जेटली
मुंबई। रीयल एस्टेट क्षेत्र तेज आर्थिक विकास का एक अहम इंजन है। ऐसे में बिल्डरों को सरकारी सब्सिडी पर निर्भर नहीं रहना चाहिए। इसके बजाय उन्हें बाजार अर्थव्यवस्था में फलना-फूलना सीखना चाहिए। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने शनिवार को आवास क्षेत्र के एक सम्मेलन में रीयल एस्टेट डेवलपरों को यह कड़वी नसीहत दे डाली। जेटली ने यहां क्रेडाई-बैंकॉन समिट में अपने संबोधन में कहा कि इस कारोबार से मंदी का दौर...
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