केंद्र सरकार ने वित्त वर्ष 2015-16 के लिए सार्वजनिक कर्ज की ब्याज अदायगी के लिए 4,55,145 करोड़ रुपये रखे हैं। इसमें तेल विपणन कंपनियों और फर्टीलाइजर कंपनियों के लिए दी गई विशेष प्रतिभूतियां शामिल हैं। फर्टिलाइजर कंपनियों को दी जाने वाली कुल सब्सिडी 72,968 करोड़ रुपये है, जिनमें से छठा हिस्सा आयातित यूरिया के लिए रखा गया। हमारी खाद्य सब्सिडी की कुल लागत 1,24,419 करोड़ की है, इसमें 64,919 करोड़...
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चेन्नई बाढ़ : एक मानव निर्मित त्रासदी
चेन्नई की बाढ़ जलवायु परिवर्तन के गंभीर परिणामों का एक भयावह उदाहरण तो है ही, इससे हुई तबाही ने मानव समाज की खतरनाक गलतियों के नतीजों को भी रेखांकित किया है. हाल के वर्षों में उत्तराखंड, कश्मीर समेत देश के विभिन्न इलाकों में बाढ़ की त्रासदी का कहर लगातार बढ़ा है. तेज शहरीकरण और विकास की आपाधापी में सरकार और समाज प्राकृतिक तंत्रों को बेतहाशा बरबाद कर रहे हैं. नदियां...
More »क्या यही है पंचायती राज- पीयूष द्विवेदी
कई राज्यों में पंचायत चुनाव चल रहे हैं। कुछ राज्यों में हो चुके हैं तो कुछ में अभी उनकी प्रक्रिया चल रही है। पंचायत चुनाव के इस माहौल में अगर देश के गांवों में जाकर वहां का हाल जानने की कोशिश करें तो हर चौक-चौराहे पर इन चुनावों को लेकर चर्चा मिलेगी। हर सीट को लेकर गुणा-भाग करते ग्रामीण जन मिलेंगे। सीटों के सामान्य या आरक्षित रहने के विषय में...
More »समस्याओं के शिखर, खाली होते पहाड़- अनिल प्रकाश जोशी
उत्तराखंड को अलग राज्य बनाने के पीछे सोच यह थी कि यहां की भौगोलिक परिस्थितियां और दुर्गमता विकास के अलग रास्ते की मांग करते हैं। स्थानीय लोगों को यकीन था कि उनके हालात को समझने की क्षमता मैदानी नीतिकारों में नहीं है। केंद्र को झुकना पड़ा और राज्य की मांग पूरी हुई। लेकिन अब पलटकर देखें, तो इन 15 वर्षों में उत्तराखंड को आठ मुख्यमंत्रियों के अलावा शायद ही कोई...
More »जेब काट रहीं रोजमर्रा की चीजों की कीमतें : एसोचैम
नई दिल्ली। महंगाई की दर बेशक एक साल पहले के मुकाबले निचले स्तर पर बनी हुई है, लेकिन आम मध्यवर्ग के उपभोग की वस्तुएं और सेवाएं उसकी पहुंच से बाहर हो रही हैं। उद्योग चैंबर एसोचैम के एक विश्लेषण में यह निष्कर्ष निकला है। एसोचैम की रिपोर्ट कहती है कि ईंधन कीमतों में कमी और मामूली वेतनवृद्धि के बीच शिक्षा और स्वास्थ्य पर खर्च जरूरत से अधिक बढ़े हैं। ये दोनों...
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