शिक्षा का अधिकार 'मौलिक अधिकार' तो बन गया, लेकिन इसे व्यवहार में लागू करने में शिक्षा विभाग के पसीने छूट रहे हैं। इसके लिए कोई और नहीं बल्कि सरकारी नीतियां ही जिम्मेदार हैं। एसएसए से मिले आंकड़ों के अनुसार जिले भर में 6-14 आयु वर्ग के लगभग 2500 बच्चे स्कूली शिक्षा से महरूम हैं। इन बच्चों को तलाशने और उन्हें स्कूल की राह दिखाने के लिए 1 अप्रैल से 31 मई तक 'ड्राप आउट सर्वे'...
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डाकिया डाक लाया- रस्किन बांड
देश के सुदूर ग्रामीण इलाकों और एकांत पहाड़ों पर, जहां ऐसी सड़कें नहीं हैं कि गाड़ियां आ-जा सकें, वहां आज भी डाकिए पैदल चलकर डाक पहुंचाने जाते हैं। वे प्रतिदिन पांच-छह मील पैदल चलते हैं। सच है कि वे पुराने हरकारों की तरह दौड़ते नहीं और रास्ते में कभी-कभार चाय पीने या ताश खेलने के लिए रुक भी जाते हैं, लेकिन ये डाकिए आज भी पुराने जमाने के हरकारों की याद दिलाते हैं। डाकियों ने हमेशा...
More »डेढ़ साल से आयोगों में अध्यक्ष नहीं
रायपुर. राज्य सरकार के आयोग डेढ़ साल से अध्यक्ष विहीन पड़े हुए हैं। इसके कारण आयोग कोई नीतिगत फैसले नहीं ले पा रहे हैं। पिछड़ा आयोग में तो अध्यक्ष के अभाव में नौ जातियों को पिछड़ा वर्ग में शामिल करने की कार्यवाही आगे नहीं बढ़ पा रही है। वहीं आयोगों मंे दर्ज होने वाले मामलों की सुनवाई भी प्रभावित हो रही है। विधानसभा चुनाव होने के बाद से आदिम जाति आयोग, अनुसूचित जाति जन जाति आयोग...
More »नशे में उड़ रही है हरित क्रांति की खुशहाली
चंडीगढ़.हरित क्रांति ने पंजाब को खुशहाल किया, लेकिन इस खुशहाली का सबसे बड़ा फायदा नशे के कारोबारियों ने उठाया। नशे की लत अब इस खुशहाली को लील रही है। नशा सेहत के साथ सरहदी जिलों के किसनों की माली हालत भी बिगाड़ रहा है। अमृतसर, गुरदासपुर, तरनतारन और फिरोजपुर जैसे सरहदी जिलों में हर महीने आधे परिवार नशे पर 1500 से 3000 रुपए खर्च कर रहे हैं। किसान और मजदूर अपनी सुबह की शुरुआत चूरापोस्त और...
More »महंगाई के खिलाफ खोखली पहल
नई दिल्ली [घनेंद्र सिंह सरोहा]। आईपीएल, सानिया की शादी और मोदी-थरूर विवाद के बीच बीते दिनों एक खबर महंगाई पर भी आई थी। अक्सर विपक्ष कहता है कि मीडिया हमेशा बुनियादी मुद्दों को छोड़ ग्लैमरस चीजों के पीछे भागता है। तो मंहगाई पर कटौती प्रस्ताव लाने वाला विपक्ष संसद में शशि थरूर और उनकी महिला मित्र सुनंदा के बीच कौन-सा बुनियादी मुद्दा ढूंढ़ रहा है। यहा विपक्ष या मीडिया की गलतिया ढूंढ़ने का इरादा...
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