गत सप्ताह लालकिले पर स्वतंत्रता दिवस समारोह में मेरे पास भारत के 13वें नौसेनाध्यक्ष एडमिरल आरएच ताहिलियानी बैठे थे, जो नवंबर, 1987 में सेवानिवृत्त हुए हैं. अचानक ही उन्होंने मुझसे पूछा, मिस्टर आडवाणी, आजकल आप कौन सी पुस्तक पढ़ रहे हो? मैंने उन्हें बताया कि कल ही मुझे डर्टी मनी (गंदा धन) पर एक पुस्तक मिली है, जिसे मैंने पढ़ना शुरू किया है. पुस्तक के लेखक हैं रेमण्ड बेकर. बेकर अमेरिकी...
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चरित्र देख कर मिलेगा ठेका
पटना: राज्य में अब वैज्ञानिक तरीके से बालू घाटों की नीलामी होगी. ठेका लेने के पहले ठेकेदारों को पुलिस थानों से चरित्र प्रमाणपत्र लेकर खान विभाग से निबंधन कराना होगा. ये प्रावधान नयी बालू नीति में किये गये हैं, जिसे राज्य मंत्रिमंडल ने मंगलवार को मंजूरी दी. सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देशानुसार बनायी गयी इस नीति में राजस्व में वृद्धि के साथ ही पर्यावरण सुरक्षा को भी प्राथमिकता दी गयी है. बिहार लघु...
More »लोहा नहीं अनाज चाहिए- विनोद कुमार
जनसत्ता 20 अगस्त, 2013 : झारखंड बनने के बाद प्रभु वर्ग ने इस बात को काफी जोर-शोर से प्रचारित-प्रसारित किया है कि झारखंड का विकास और झारखंडी जनता का कल्याण उद्योगों से ही हो सकता है और खनिज संपदा से भरपूर झारखंड में इसकी अपार संभावनाएं हैं। यह प्रचार कुछ इस अंदाज में किया जाता है मानो झारखंड में पहली बार औद्योगीकरण होने जा रहा है। हकीकत यह है कि...
More »1991 जैसे संकट की नौबत नहीं: मनमोहन
नई दिल्ली। डालर के मुकाबले गिरते रुपए और शेयर बाजार में जारी गिरावट को थामने के सरकार के प्रयासों के बीच प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने देश में 1991 के भुगतान संकट की पुनरावृत्ति और अर्थव्यवस्था के वैश्वीकरण की राह से हटने की आशंकाओं को शनिवार को खारिज कर दिया। प्रधानमंत्री ने वैश्वीकरण और वित्तीय समस्याओं से घिरी अर्थव्यवस्था में मौद्रिक नीति की सीमाओं और संभावनाओं पर नए सिरे से गौर...
More »बहती धारा को बलपूर्वक रोका गया : वासवी
स्त्री एवं पुरुष समाज रूपी रथ के दो पहिया हैं. एक पहिया कमजोर हो जाय या टूट जाय तो रथ के आगे बढ़ने की संभावना क्षीण हो जाती है. इसके बाद भी बेटे को लेकर हमारा समाज जितना संजीदा है उतनी बेटियों को लेकर नहीं है. यही वजह है कि बेटियों में शिक्षा, स्वास्थ्य, पोषण एवं सुरक्षा की समस्या गंभीर बनी हुई है. बेटियों के मामले में कल्याणकारी राज्य के भी जो...
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